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UPSC में देशभर में दूसरा रैंक लाने वाली जागृति का बचपन से था आईएएस बनने का सपना
भारत में आईएएस बनने का जुनून सर चढ़कर बोलता है। अभ्यर्थियों को यूपीएससी के प्रति दीवानगी इस कदर होती है कि कई वर्षों की मेहनत कर इसमें सफलता हासिल करते हैं। कहानी जागृति अवस्थी की है, जिन्होंने बचपन से ही आईएएस बनने का सपना देखा था। इंजीनियरिंग की छात्रा जागृति ने यूपीएससी में कामयाबी पाई बल्कि ऑल इंडिया में 2 रैंक हासिल कर सफलता के झंडे गाड़ दिए।
मध्यप्रदेश के भोपाल से आने वाली जागृति बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल छात्र आ रही है। 12वीं के पढ़ाई के बाद मौलाना आजाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद भारत हेवी इलेक्ट्रिक लिमिटेड नौकरी लगी, उन्होंने नौकरी के दौरान यूपीएससी की तैयारी की। और यूपीएससी की परीक्षा दी पहले प्रयास में असफलता मिली मिली। लिहाजा उन्होंने बेहतर तैयारी के लिए नौकरी छोड़ यूपीएससी की तैयारी में जुट गई।
जागृति कहती है, कोरोना काल में जहां कोचिंग क्लासेज बंद थे, पढ़ाई ठप थी। वैसे विपरीत समय में भी जागृति ने 8 से 10 घंटे पढ़ने का समय बदलकर 12 से 14 घंटे तक पढ़ाई की। मेहनत रंग लाई और दूसरे ही प्रयास में जागृति ने यूपीएससी के जारी परिणाम में देशभर में दूसरा रैंक लाकर कामयाबी के शिखर पर अपना नाम स्थापित कर लिया।
जागृति सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को कहती है, खुद को आत्मविश्वास में लाकर इसकी बेहतर तैयारी की जा सकती है। कैसे भी परिस्थिति हो लक्ष्य की तरफ अग्रसर होना होगा। सही योजना के साथ यूपीएससी की तैयारी होगी तभी सफलता मिलेगी। अभ्यर्थियों को सकारात्मक रवैया और कड़ी मेहनत के साथ इसकी तैयारी करने की सलाह देती है।
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