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‘MBA चायवाला’ की कहानी, 22 साल का लड़का चाय बेचते-बेचते बना करोड़पति, विदेशों में खुलने जा रही फ्रेंचाइजी

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वैसे नाम तो है प्रफुल्ल बिल्लौरे (prafull billore) पर ये जनाब अपने नाम से नही जाते बल्कि ये अपने काम से जाने जाते हैं जो कि है ‘MBA चायवाला’ । 25 वर्ष के इन युवा के चाय का कारोबार को इतना अच्छा चला कि इसके चाय के टर्नओवर करोड़ों का हो गया। 20 वर्ष की आयु में MBA कोर्स करने अपने घर से निकलते समय प्रफुल्ल बिल्लोर को ये भी नही पता था कि यही MBA का शब्द एक दिन प्रफ्फुल को पूरी दुनिया में प्रचलित बना देगा। इंदौर (indore) से अहमदाबाद (Ahmedabad) पहुँच प्रफुल्ल का लक्ष्य IIM में नामांकन पाना और बेहतरीन पैकेज पर नौकरी प्राप्त करना था, परंतु जब MBA में सफलता नहीं मिली तो प्रफुल्ल बिल्लौर ने चाय का एक ठेला रोड के किनारे लगाने का सोचा और साथ ही नाम रख दिया ‘MBA चायवाला’। जो आज नवयुवकों के बीच एक ब्रांड बन चुका है।

एक सोंच जिसने बदल दी प्रफुल्ल की दुनिया
प्रफुल्ल बिल्लौर को अहमदाबाद शहर इतना अच्छा लगा कि वे वहीं रहने की सोचने लगे, परंतु रहने के लिए रुपये चाहिए और रुपयों के लिए कुछ तो करना ही पड़ेगा, यही सोचकर प्रफुल्ल बिल्लौर ने अहमदाबाद में मैकडॉनल्ड में जॉब कर ली। जहाँ प्रफुल्ल को 37 रुपए प्रति घंटे के दर से मेहनताना मिलते थे और प्रफ्फुल दिन में करीब 12 घंटे तक कार्य करते थे। नौकरी करते हुए प्रफुल्ल बिल्लौर को यह लगा कि वह जिंदगी भर मैकडॉनल्ड की जॉब तो नहीं कर सकते।

अन्ततः उन्होंने अपना स्वयं का कारोबार शुरू करने की सोंच बनाई। परंतु कारोबार शुरू करने के लिए रुपये, प्रफुल्ल के पास थे ही नहीं। ऐसी स्थिति में प्रफुल्ल बिल्लौर ने ऐसा व्यापार करने के विषय में सोचा की जिसमें लागत भी बहुत कम लगे और आसान तरीके से हो भी जाए। प्रफ्फुल को बस यहीं से चाय का कारोबार शुरू करने का सोंच उनके दिमाग में आया। इस काम को शुरू करने से पहले प्रफुल्ल ने अपने पिता जी से झूठ बोलकर अपने शिक्षा के नाम पर 10 हजार रुपयों की माँग की। इन्हीं पैसों को पूंजी बना कर प्रफुल्ल बिल्लौर ने चाय का ठेला लगाने की शुरूआत किया।

शुरुआती दिनों में हुई मुश्किल

यदि बात हम बिजनेस चलवे की करें तो पहले दिन प्रफुल्ल की एक भी चाय बिकी ही नही पायी तो उन्होंने सोचा कि यदि कोई मेरे पास चाय पीने ही नहीं आ रहा तो क्यों ना मैं स्वयं ही उसके पास जाकर अपनी चाय पीने के लिए ऑफर करूँ। प्रफुल्ल बहुत ही एजुकेटेड हैं,प्रफ्फुल की अंग्रेजी काफी अच्छी हैं, उनकी यह तरकीब काम आ गई और जब वे अंग्रेजी में चाय पीने को ग्राहकों से बोले तो सब बोलते कि चाय वाला भी अंग्रेजी में बोलता है, और चाय के दुकान अच्छे से चलने लगा। तो वही दूसरे दिन प्रफ्फुल ने 6 चाय बेची परंतु चाय 30 रुपए के दर से 150 रुपए कमाए। प्रफुल्ल सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक नौकरी करते थे और शाम 7 बजे से रात्रि 11 बजे तक खुद के चाय का स्टॉल लगाते थे। फिर चाय का कारोबार अच्छा चलने लगा और 600 कभी 4000 कभी 5000 तक बिक्री शुरू होने लगी और उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और अपना पूरा ध्यान अपने चाय के बिजनेस पर किया।

प्रफुल्ल बिल्लौर का अचीवमेंट

एक समय जिन MBA संस्थानों में शिक्षा लेना प्रफुल्ल बिल्लोरे का लक्ष्य था। तो वही आज संस्थान प्रफुल्ल बिल्लौर को अपने यहाँ एक मैनेजमेंट गुरू के लेक्चर देने के लिए आमंत्रित करते हैं। महज 25 वर्ष के आयु में उनका नेटवर्थ साल का 3 से 4 करोड़ का है। तो वही आज भारत देश के 22 शहरों में और लंदन में भी ‘MBA चायवाला’ के नाम से उनके आउटलेट हैं। बाकी के देशों में प्रफ्फुल से फ्रेंचाइजी की बात चल रही है।

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