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शुरुआती असफलताओं के बाद भी नही माने हार, तीसरे प्रयास में 127वीं रैंक के साथ UPSC क्रैक कर बने IPS
यूपीएससी की राह कितनी कठिन है इससे हर कोई रूबरू है। अभ्यर्थियों को यह तक पता नहीं होता कि उन्हें सफलता मिलेगी भी या नहीं। लेकिन जब पहले प्रयास में मुख्य परीक्षा तक पहुंच कर फेल होने के बाद दूसरे प्रयास में प्रारंभिक परीक्षा में भी सफलता ना मिले तो मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। ऐसी ही कहानी है आईपीएस अधिकारी राघव जैन की जिन्हें पहले प्रयास साल 2017 में प्री परीक्षा में सफलता मिली लेकिन अगले ही साल यानी 2018 में राघव प्री में भी असफल हो गए।
फैमिली और दोस्तों के कहने पर राघव एक बार फिर यूपीएससी की राह में निकल पड़े। बाजी ऐसी पलटी की जब राघव परीक्षा देने के मूड में नहीं थे, उसी साल उन्हें सफलता मिल गई। देशभर में 127 वी रैंक हासिल होने के बाद उनका चयन आईपीएस सेवा के लिए हुआ। दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए साक्षात्कार में राघव ने परीक्षा के लिए अपनी प्लानिंग के बारे में बताया है।
राघव पंजाब के लुधियाना से आते हैं। शुरुआती पढ़ाई-लिखाई यही हुई। इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने वाणिज्य संकाय से ग्रेजुएशन किया फिर एमबीए की पढ़ाई पूरी की। फिर मन में यूपीएससी का ख्याल आया लिहाजा तैयारी के लिए दिल्ली आ गए। 6 महीने यहां रहने के बाद जब उन्हें परीक्षा के बारे में पता चला तो वापस अपने घर लुधियाना लौट गए और घर पर ही रहकर तैयारी करना उचित समझा।
राघव ने इंटरव्यू में बताया कि यूपीएससी का पाठ्यक्रम इतना बड़ा है कि इसे कवर करने में तैयारी कभी खत्म नहीं होगी। परीक्षा में पास होने के लिए राघव स्मार्ट स्टडी करने पर जोर देते हैं। अभ्यर्थियों को पिछले साल के क्वेश्चन पेपर देखकर और उसके पैटर्न के मुताबिक तैयारी करने की सलाह देते हैं। उन्होंने बताया कि प्री की तैयारी के साथ मेंस की तैयारी भी उतना ही जरूरी है।
यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को राघव एनसीईआरटी की किताबें पढ़ने की सलाह देते हैं। वे आंसर राइटिंग पर जोर देते हैं। राघव का मानना है कि मुख्य परीक्षा में नंबर पर प्रेजेंटेशन से जुड़े हैं, प्रभावी और बेहतरीन तरीके से उत्तर लिखने पर ही अच्छे अंक हासिल होते हैं। इसलिए खूब प्रैक्टिस करें। इन पेपरों की खासियत है कि सप्ताह में अगर एक दिन भी समय दे रहे हैं तो उसके कुछ घंटे में आप बेहतरीन स्कोर कर सकते हैं।
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