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पिता और भाई के निधन के बाद IAS बने हिमांशु की कहानी, पहले प्रयास में क्लियर किया यूपीएससी

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मुश्किल वक्त में भी अपने लक्ष्य के प्रति अग्रसर रहने वाले लोग कामयाबी की मिसाल पेश करते हैं। ऐसी ही कहानी है आईएस हिमांशु नागपाल की। हरियाणा के हिसार से आने वाले हिमांशु ने अपने जिंदगी में कई मुश्किलों का सामना किया है। इसके बाद भी हिमांशु ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और निरंतर मेहनत के बदौलत आईएएस अधिकारी बनकर ही दम लिया।

हिमांशु हरियाणा के हिसार से आते हैं। प्रारंभिक पढ़ाई-लिखाई भूना से ही हुई। बारहवीं की पढ़ाई हांसी से पूरी की। हिंदी मीडियम से ही उन्होंने पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने हंसराज कॉलेज में वाणिज्य संकाय से दाखिला लिया। हिमांशु के पिता उन्हें दिल्ली छोड़ने आए थे तब उनकी नजर एक बोर्ड पड़ गई। मैंने उनसे कहा कि मेरी भी ख्वाहिश है कि तुम्हारा नाम टॉपरों के लिस्ट में शुमार हो। हिमांशु को छोड़ने के बाद हिसार लौट रहे हो पिता की सड़क हादसे में जान चली गईं। पिता की कही बातों पर गंभीरता से लेते हुए हिमांशु ने ग्रेजुएशन की साथ ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।

पिता के जाने के कुछ महीने बाद ही हिमांशु के भाई भी इस दुनिया में नहीं रहे। हिमांशु के लिए यह बेहद मुश्किल भरा वक्त था। उनके चाचा ने उन्हें संभाला और पढ़ाई के लिए एक बार फिर दिल्ली भेजा। हिमांशु ने आईएएस अधिकारी बनकर ही दम लिया। युवाओं के लिए मिसाल बने हिमांशु ने पहले प्रयास में ही इस कठिन परीक्षा में कामयाबी हासिल की। महज 22 साल की उम्र में ही हिमांशु आईएस बन गए।

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