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आठ बार असफल होने वाले वैभव ने रोड एक्सीडेंट के बाद बेड पर रहकर की तैयारी और बने IAS अधिकारी
वैभव छाबड़ा दिल्ली के साधारण परिवार से आते हैं। प्रारंभिक पढ़ाई दिल्ली में ही हुई। अमूमन यह माना जाता है कि शुरू से पढ़ने में होनहार छात्र ही सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते हैं। लेकिन वैभव ठीक इसके उलट थे। पढ़ाई में उन्हें कोई खास दिलचस्पी नहीं थी। वैभव ने किसी तरह नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट से 56 फीसद अंकों के साथ बीटेक की पढ़ाई पूरी की। ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद वैभव दिल्ली के ही कोचिंग इंस्टीट्यूट में फिजिक्स पढ़ाने लगे।
वैभव ने कुछ समय तक नौकरी के बाद यह महसूस किया कि वह इसके लिए नहीं बने हैं। उन्होंने अपने लाइफ में कुछ बड़ा और बेहतर करने का मन बनाया और नौकरी छोड़ दी। लेकिन वैभव दोबारा बीएसएनएल में नौकरी करने लगे। फिर सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए वैभव ने यह नौकरी भी छोड़ दी।
वैभव के लिए यूपीएससी तैयारी करने का फैसला आसान नहीं था। उनके इस फैसले पर लोगों की नकारात्मक प्रतिक्रिया मिली लेकिन वैभव अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे। उनके इस फैसले से परिवार वाले ने संपूर्ण सहयोग किया। अभ्यार्थी यूपीएससी की तैयारी के लिए रोजाना 7 से 8 घंटे पढ़ाई करते हैं वही वैभव महज 1 से 2 घंटे ही पढ़ा करते थे।
तैयारी के दौरान ही वैभव सड़क दुर्घटना के शिकार हो गए। 8 महीने का लंबा वक्त उन्हें बेड पर ही गुजारना पड़ा। ऐसे प्रतिकूल समय में भी वैभव तैयारी करते रहे। दृढ़ निश्चय और निरंतर मेहनत का परिणाम उन्हें मिला। यूपीएससी-2018 के जाली परिणाम में वैभव ने 32 वी रैंक हासिल कर सफलता हासिल की। इससे पहले वैभव विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा में 8 बार असफल हो चुके थे इसके बावजूद भी उन्होंने आईएस अधिकारी बनने का सोचा।
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