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भारत के इन दो युवाओं के स्टार्टअप को मिली 100 मिलियन डॉलर की फंडिंग, 5 महीने में वैल्यूएशन हुई दोगुनी

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भारतीय युवाओं और उनके स्टार्टअप की देश में हड़कंप मचा है। कुछ माह पहले ही मुंबई के दो किशोरों ने एक बार फिर स्टार्टअप की दुनिया में एक और बेहतरीन काम किया है। मात्र 19 साल के आदित पलीचा और कैवल्य वोहरा स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में computer science program की पढ़ाई कर रहे थे। उन्होंने बीच में हीं पढ़ाई छोड़ भारत आ गए और जेप्टो ( Zepto) नाम का ग्रासरी डिलीवरी स्टार्टअप शुरू किया। Y Combinator के नेतृत्व में इन दोनों के स्टार्टअप को 100 मिलियन डॉलर (750 करोड़ रुपये) की फंडिंग मिल गई। सबसे खास बात यह है कि मात्र 5 माह में जेप्टो की वैल्यूशन दोगुनी हो गई है। इस समय इस स्टार्टअप की वैल्यूएशन 570 मिलियन हो गई है।

हालांकि जेप्टो ने 1 महीने पहले बताया था कि उसने ताजा फंडिंग राउंड में 60 मिलियन डॉलर और जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड में जेप्टो की वैल्यूएशन का आकड़ा 225 मिलियन डॉलर के बीच था। स्टार्टअप ने एक बयान में कहा है कि वाई कॉम्बिनेटर Continuity Fund के अलावा, नए राउंड में ग्लेड ब्रुक कैपिटल पार्टनर्स, नेक्सस वेंचर पार्टनर्स, ब्रेयर कैपिटल और सिलिकॉन वैली निवेशक लैची ग्रूम जैसे नए और मौजूदा बैंकर्स से भी निवेश प्राप्त हुआ। Zepto किराना और दैनिक आवश्यक सामान 10 मिनट में पहुंचाने का वादा करता है। इसी साल की शुरुआत में मुंबई में इन दोनों किशोरों ने इस स्टार्टअप को शुरू किया था। तब से यह बेंगलुरु, दिल्ली और 4 अन्य शहरों में प्रचलित हो गया है।

हालांकि भारत में ऑनलाइन किराने का डिलीवरी बिजनेस लगातार तेजी से बढ़ रहा है। भारत में यह 1 लाख करोड़ डॉलर से भी बड़ा मार्केट है जिसमें खुदरा खर्च का बड़ा हिस्सा है। Zepto का मुकाबला सॉफ्टबैंक ग्रुप समर्थित ब्लिंकिट, Google-समर्थित डुंजो (Dunzo) और नैस्पर्स लिमिटेड-समर्थित स्विगी जैसे स्टार्टअप्स के साथ है। पिछले साल पलीचा और वोहरा ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग प्रोग्राम में नामांकन कराया था। हालांकि दोनों ही अपना बिजनेस शुरू करने का मन बनाए हुए थे। यही वजह है कि उन्होंने 1 साल में ही पढ़ाई छोड़ दी और ग्रॉसरी डिलीवरी का काम करने का निर्णय लिया।

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