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शुरुआती असफलता और इंटरव्यू से पहले पिता की मृत्यु के बाद भी नहीं माने हार, 5वें प्रयास में बने IAS

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यूपीएससी क्रैक करना लाखों युवाओं का सपना होता है लेकिन इस सपने को पूरा करने के लिए जो अपना सब कुछ झोंक दे, सफलता उन्हीं के हाथ लगती है। ऐसे ही कहानी अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा बने डॉक्टर राजदीप सिंह खैरा की जिन्होंने 28 साल की उम्र में 495 वीं रैंक लाकर यूपीएससी में सफलता पाई है। लुधियाना के सिविल हॉस्पिटल में राजदीप मेडिकल ऑफिसर के पद पर नियुक्त थे अब आईएएस अफसर बन गए हैं। इंटरव्यू से पहले अपने पिता को खोने वाले राजदीप की आईएएस बनने तक का सफर आसान नहीं रहा है।

पांचवें प्रयास में आईएस बने राजदीप दो बार इंटरव्यू राउंड तक पहुंच पाए थे लेकिन शुरुआती असफलता के बावजूद भी राजदीप ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। कोरोना काल काल में सितंबर 2021 में राजीव का इंटरव्यू था इससे पहले ही उनके मई 2021 में राजीव के पिता इस दुनिया से चल बसे। इस बार भी उन्होंने सभी परेशानियों का डट कर सामना किया और पूरी तैयारी के साथ इंटरव्यू देने पहुंचे। उनकी लगन और मेहनत रंग लाई। आज राजदीप अभ्यर्थियों के रोल मॉडल बन गए हैं।

राजदीप लुधियाना के सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल से मैट्रिक और सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल, सराभा नगर से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की है। फिर सरकारी मेडिकल कॉलेज और राजेंद्र हॉस्पिटल, पटियाला से एमबीबीएस किया। वह 2017 से सिविल हॉस्पिटल, कुम कलां लुधियाना में मेडिकल ऑफिसर के रूप में तैनात थे। यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को राजदीप सलाह देते हैं कि अपने धैर्य को बनाए रखना चाहिए और लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए। राजदीप कहते हैं, सोशल मीडिया से दूर रहना चाहिए इसलिए उन्होंने पिछले पांच साल में सोशल मीडिया पर कोई अकाउंट नहीं बनाया।

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