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सीतामढ़ी के इकलौता रेलवे ओवरब्रिज का काम जल्द होगा शुरू, 2014 में हुआ था शिलान्यास

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सीतामढ़ी शहर का बहुप्रतीक्षित एवं इकलौता रेलवे ओवरब्रिज को लेकर विधायक डा. मिथिलेश कुमार को राज्य सरकार ने आश्वस्त किया है कि, शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। सदन में विधायक के तारांकित प्रश्न के उतर में जानकारी दी गई कि रेलवे ओवरब्रिज एलसी-56 के निर्माण के लिए निविदा प्राप्त कर ली गई है। शीघ्र निविदा निस्तारोपरांत कार्य आवंटित हो जाएगा। सदन से विधायक ने पूछा था कि जब इस ओवरब्रिज को बनाने के लिए जनवरी 2021 में ही केंद्र सरकार द्वारा 85.71 करोड़ की राशि बिहार सरकार को आवंटित की जा चुकी है। फिर भी राज्य सरकार काम क्यों नहीं करा रही है। 13 वर्षो से ओवरब्रिज के निर्माण के लिए आंखें पथराई हुई हैं। अभी तक सिर्फ दो पाया का ही निर्माण हुआ है।

2014 में तत्कालीन रेल राज्यमंत्री अधीर रंजन चौधरी द्वारा इसका शिलान्यास हुआ था। मात्र 18 माह में ओवरब्रिज का निर्माण होना था। आगे चलकर रेलवे ने काम रोक दिया कि राज्य सरकार एप्रोच पथ बनाने में दिलचस्पी नहीं ले रही। ओवरब्रिज की लंबाई दोगुना से अधिक हो गई, एप्रोच पथ भी नए सिरे से। पुल के दोनों ओर राज्य सरकार पहुंच पथ बनवायेगी है। पहुंच पथ मेहसौल चौक के बजरंग पेट्रोल पंप के पास से प्रारंभ होगा। जो 6.20 मीटर लम्बी होगी और मेहसौल गुमटी होते हुए उस पार ओवरब्रिज दो भागों में बट जाएगा। एक साइड NH-104 की ओर जाएगी जो 3.50 मीटर लम्बी होगी। दूसरी साइड में स्टेट हाइवे-52 की तरह 4.70 मीटर लम्बी सड़क जाएगी। जो बाजपट्टी, पुपरी के रास्ते दरभंगा एवं मधुबनी चली जाएगी।

इस पुल के पहुंच पथ की लंबाई 1440 मीटर एवं चौड़ाई 12 मीटर होगा। पहले ऐसे तैयार होना था एप्रोच पथ मार्च 011 में रेलवे एवं राज्य सरकार ने संयुक्त रूप से उक्त ओवरब्रिज का निर्माण का निर्णय लिया था। उस वक्त पुल् की लंबाई 650 मीटर थी। और उसपर 19.50 करोड़ खर्च का आंकलन किया गया था। जिसमे 8.50 करोड़ रेलवे को खर्च करना था एवं राज्य सरकार को पूरे 11 करोड़ खर्च करने की बात सामने आई थी। परंतु आवागमन के लिहाज से सही नहीं होने को लेकर रेलवे एवं राज्य सरकार द्वारा अंतिम सर्वे में ओवरब्रिज की लंबाई बढ़ाकर 650 से 1500 मीटर कर दी गई।

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