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बिहार के विनोद बनना चाहते थे आर्मी, अब मछली पालन कर सालाना कमा रहे हैं 15 लाख रुपए

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खेती से खुद को बिजनेस आइकॉन बनाना कतई आसान नहीं होता है। लेकिन, गोपालगंज के किसान विनोद सिंह ने अपनी खेती के बलबूते इलाके में यह सच कर दिखाया है। मछली पालन करने वाले विनोद सिंह को लोग सफल उद्यमी के तौर पर जानते हैं। लगभग 30 एकड़ में मछली पालन न करने वाले विनोद साल के 15 लाख रुपए रुपए की आमदनी कर रहे हैं। लोग तो अब उन्हें फीशमैन के नाम से पुकारते हैं।

विनोद का सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। देश सेवा के लिए कभी आर्मी में जाने का सपना देखने वाले विनोद को अंतिम राउंड में निराशा हाथ लगती थी। कई सालों तक कोशिश की लेकिन असफलता ने उनका पीछा नहीं छोड़ा, फिर विनोद ने खेती के दम पर वह करके दिखाया जो आज कई लोगों का सपना होता है।

पिता के अकेले बेटे विनोद सिंह को शुरुआत में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। घर में चार बहनें की शादी की जिम्मेदारी विनोद के कंधों पर ही थी। पिता के साथ खेती तो करते थे लेकिन कोई खास लाभ नहीं होता था। फिर गांव के ही एक मित्र अवधेश सिंह ने उन्हें मछली पालन करने की बात कही। अवधेश को खुद मछली पालन करके अच्छी-खासी आमदनी कर रहे थे। विनोद सिंह अपने दोस्त के साथ मिलकर मछली पालन में भिड़ गए।

मछली पालन के कुछ तकनीकी पहलुओं को समझने के लिए इसकी ट्रेनिंग भी ली। फिर विनोद ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आसपास के किसानों को भी मछली पालन के लिए सलाह देने लगे। गोपालगंज जिला के लगभग डेढ़ सौ किसानों को विनोद मछली पालन के गुर सिखाते हैं। अब तो दूसरे जिलों के लोग भी जानकारी इकट्ठा करने विनोद के पास पहुंच रहे हैं। आमदनी बढ़ने के बाद विनोद सिंह ने मछली पालन के लिए जमीन भी खरीदनी शुरू कर दी है। लीज पर 15 एकड़ जमीन लेकर जबकि खुद के 15 एकड़ जमीन पर मछली पालन कर रहे हैं।

विनोद ने भावुक होते हुए कहा कि मछली पालन से ही चार बहनों की शादियां संभव हो सका। उन्होंने ट्रैक्टर और बोलेरो जैसी गाड़ियां भी खरीद ली है। विनोद कहते हैं कि साल 2009 से ही मछली व्यवसाय में काफी कुछ बदला है। आमदनी भी ज्यादा होने लगी है। विनोद की चर्चा आज तक चारों तरफ होती है। किसानों के लिए विनोद प्रेरणा बन गए हैं।

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