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BIHAR

सिवान में 550 करोड़ की लागत से हो रहा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल का निर्माण, जानें कब तक पूरा होगा निर्माण

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बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने प्रखंड के भोपतपुरा में निर्माण हो रहे मेडिकल कॉलेज देखने के लिए अचानक ही कार्यस्थल पर पहुंच गये। उन्होंने निर्माण कार्य से सम्बंधित जानकारी ली। स्वास्थ्य मंत्री यूपी के भाटपार रानी जाने के क्रम में मैरवा में रूके थे। कहा कि सीवान में 500 बेड का मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल 2024 तक तैयार हो जाएगा। प्रखंड में 27 एकड़ भूमि पर 550 करोड़ की राशि से निर्माण हो रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के निर्माण से आसपास की आबादी को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा। विशेषकर गोपालगंज, सीवान एवं इससे सटे उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के लोगों को भी बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं मिलेगी। कहा कि इसमें 500 बेड के अस्पताल एवं 100 छात्रों के क्षमता वाले MBBS कॉलेज के अलावा बीएससी-नर्सिंग की पढ़ाई भी होगी। यह अस्पताल 2024 से शुरू हो जायेगा एवं 2025 से MBBS की पढ़ाई के लिए शिक्षण-सत्र शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। मंत्री ने कहा कि इसे समय पर पूर्ण करने का प्रयास किया जा रहा है। मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष संजय पांडेय भी मौजूद थे।

प्रखंड के रेफरल अस्पताल परिसर में बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना लिमिटेड, पटना द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण हो रहा है। अस्पताल भवन निर्माण का कार्य पिछले महीने से ही प्रारंभ है। निर्माण कार्य तेज गति से हो रहा है। लेकिन, गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। इसे लेकर प्रखंड के लोग रेफरल अस्पताल प्रबंधन से कई बार शिकायत दर्ज कर चुके हैं। इसके बाद भी गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हो रहा है। फलस्वरुप लोगों में काफी नाराजगी है।

7 करोड़ 69 लाख रुपये की लागत से निर्माण हो रहे अस्पताल भवन के संवेदक रमेश दत्त पाठक से लोग स्टीमेट दिखाने की कई बार मांग कर चुके हैं। लेकिन, नहीं स्टीमेट दिखा रहे हैं और न इससे संबंधित कोई बोर्ड लगाए हैं। रघुनाथपुर प्रखंड के लोगों का कहना है कि जर्जर हो चुके रेफरल अस्पताल से परेशान स्वास्थ्यकर्मियों और मरीजों को इस अस्पताल से एक नई उम्मीद जुड़ी हुई है। बावजूद कोई इसपर ध्यान नहीं दे रहा है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, रघुनाथपुर के भवन का निर्माण 15 महीने में पूरा करना है। काम की गति भी तेज है। लेकिन, निर्माण कार्य के लिए उपयोग हो रहे सरिया और सीमेंट मानक के अनुरूप नहीं उपयोग हो रहे हैं। लोगों का कहना ढलाई के काम में 4 टोकरी बालू, 6 टोकरी गिट्टी व 1 टोकरी सीमेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है। जबकि संवेदक के इंजीनियर विकास कुमार ने बताया कि 2 टोकरी बालू, 3 टोकरी गिट्टी व 1 टोकरी सीमेंट उपयोग करना है।

बहुमंजिला बन रहे इस अस्पताल भवन के निर्माण कार्य में अनियमितता बरते जाने को लेकर लोग काफी खिन्न हैं। अस्पताल के कर्मचारी भी इस पर कुछ नहीं बोल पा रहे हैं। वहीं विभागीय अधिकारी टेक्निकल कार्य का बहाना बनाते हुए स्टीमेट की जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं। सिविल सर्जन यदुवंश कुमार शर्मा ने कहा कि काम में कोई अनियमितता हो रही है तो लोग लिखित रूप से शिकायत करें। मैं पत्र लिखकर ऊपर के अधिकारियों से शिकायत करूंगा। एक बार रेफरल अस्पताल गया था तो देखा मैंने। जल्द दोबारा निरीक्षण किया जाएगा। (इस आर्टिकल में चित्रों का प्रयोग सांकेतिक रूप से किया गया है।)

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