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भागलपुर-हंसडीहा के बीच 63 किमी फोरलेन सड़क का होगा निर्माण साथ ही बनेगा 2 रेल ओवरब्रिज

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भागलपुर-हंसडीहा(भलजोर) के बीच 63 किमी प्रस्तावित फोरलेन NH-133 ई पर बायपास, 2 रेल ओवरब्रिज और टोल प्लाजा भी बनया जाएगा। बांका जिला के बौंसी के पास बायपास बनेगा। ढाकामोड़ और पंजवारा रोड के पास रेल ओवरब्रिज बनाया जाना है, जबकि रजौन और जगदीपुर के बीच टोल प्लाजा बनेगा।

वहीं, बैजानी के पास पहले से निर्मित टू लेन घुमावदार टूटा पुल को तोड़कर सीधा फोरलेन पुल बनाया जाएगा। हालांकि NH विभाग ने इसके निर्माण का आलायमेंट बनाकर भूतल सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को भेज दिया है। अनुमान है कि इसमें 1700 करोड़ रुपये खर्च होने है।जगदीशपुर, रजौन, पुनसिया, ढाकामोड, बाराहाट सहित इस मार्ग के मुख्य चौक-चौराहों, व्यस्ततम बाजारों के पास फ्लाईओवर, गोलंबर बनाया जाएगा।

प्रतीकात्मक चित्र

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक सेंट टेरेसा स्कूल से जगदीशपुर और जगदीशपुर से रजौन के बीच विभाग की कहीं 100 फिट तो कहीं 120 फीट चौड़ी काफी जमीन है। फोरलेन सड़क निर्माण के लिए 98 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। हालांकि बांका में भू-अर्जन का काम लगभग पूर्ण हो चुकी थी। वर्तमान सड़क की चौड़ाई 7 मीटर है।

जो अब 22 मीटर चौड़ी सड़क बनाने की योजना है, जिसमें 3 मीटर डिवाइडर और 2 मीटर सोल्डर होगा। ढाकामोड़ के पास रेल ओवरब्रिज का निर्माण किया जाना है। श्याम बाजार के पास स्थित पुराने पुल को तोड़ कर नए पुल का निर्माण किया जाएगा। भागलपुर और भलजोर के बीच 45 पुल-पुलिया व कलवर्ट बनने हैं। हालांकि पर्यावरण का भी ध्यान रखते हुए सड़क के दोनों ओर पौधारोपण होगा।

सड़क के दोनों ओर एक मीटर चौड़ा फुटपाथ बनेगा।अलकतरा-गिट्टी से सड़क बनेगी, लेकिन जहां जलजमाव की स्थिति है वहां पीसीसी सड़क का निर्माण होगा। 63 में से 4 किमी लोहिया पुल से स्थाई बाइपास फ्लाइओवर अलीगंज तक सड़क निर्माण का काम पथ निर्माण निगम को करना है। इंजीनियर‍िंंग प्रोक्यूरेंट कंस्ट्रक्शन (EPC) मोड में सड़क बनेगी। इसके तहत ठेकेदार को डिजाइन तैयार करना है।

डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने वाले कंसलटेंसी चेतन्य कंसलटेंट से सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय विचार- विमर्श कर रहा है। देखा जाए तो भविष्य में भागलपुर-हंसडीहा मार्ग पर वाहनों का दबाव और अधिक बढने की संभावना है। इसको देखते हुए ही टू लेन की जगह फोरलेन सड़क निर्माण का निर्णय लिया गया है। आलायमेंट को मंत्रालय भेजा गया है। DPR को स्वीकृति मिलते ही टेंडर की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

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