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बिहार में घरों से निकलने वाले कचरे से बनेंगे जैविक खाद, बिहार के इन 20 जगहों पर लगेगा विभिन्न क्षमताओं वाली मशीन

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बिहार के शहरों में घरों से निकलने वाली कचरे जैविक खाद में बदले जाएंगे। इसकी कवायद अभी से ही शुरू हो चुकी है। नगर विकास एवं आवास विभाग ने शहरी निकाय के अधिकारियों को राज्य के विभिन्न शहरों से निकलने वाले कचरे को जैविक खाद में बनाने का दिशानिर्देश दे दिया है। कचरे से बने जैविक खाद की बिक्री से जुड़ी बातें को अपने-अपने जिले के कृषि अधिकारियों से संपर्क करने का भी निर्देश आवास विभाग ने दिया है।

राज्य सरकार में नगर विकास मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि कचरे की प्रक्रिया को लेकर निकायों में नई योजना तैयार की जा रही है। पुरानी योजनाओं को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए इसको भी समीक्षा किया जाएगा। कचरे से बनने वाले जैविक खाद किसान खेती में इस्तेमाल करेंगे बिहार में उपयोग में लाई जा रही कम से कम 50 प्रतिशत जैविक खाद का उत्पादन कचरे के माध्यम से हो इसके लिए विभाग ने दिशा निर्देश दे दिए हैं।

बता दें कि बिहार के कई शहरों में कचरे से जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है। सहरसा और सुपौल जिले में इस पर काम शुरू हो चुका है। जैविक खाद की बिक्री भी शुरू हो गई है। मालूम हो कि मुजफ्फरपुर और गया नगर निगम में कचरे से बने जैविक खाद की गुणवत्ता की तारीफ हुई थी। जिन शहरी निकायों में भूमि उपलब्धता की परेशानी आ रही है, वहां सरकार ने शहर के बाहर भूमि उपलब्ध करा दी है।

राज्य की राजधानी पटना में जैविक खाद बनाने के लिए 20 जगहों पर सरकार विभिन्न क्षमताओं वाले मशीन लगाएगी। संचालन, रखरखाव और निर्माण का काम एक ही एजेंसी को सौंपा जाएगा। नौ जगहों पर 1000 किलोग्राम, पांच जगहों पर 500 किलोग्राम, तीन जगहों पर 2000 किलोग्राम, दो जगहों पर 250 किलोग्राम जबकि एक जगह पर 100 किलोग्राम क्षमता वाली मशीन लगाई जाएगी। शहर के विभिन्न जगहों से कचरा उठाने का काम ही कार्य एजेंसी को ही सौंपा जाएगा।

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