BIHAR
बिहार में इसी वर्ष बूढ़ी गंडक से जुड़ेगी बागमती नदी, इस योजना से राज्य के इन 4 जिलों को होगा फायदा
बागमती नदी को बूढ़ी गंडक से जोड़ा जाएगा। इसके लिए शिवहर जिला स्थित बेलवाधार योजना पर कार्य हो रहा है। इस वर्ष के आखिरी तक योजना पूर्ण हो जाएगी। और बागमती का अधिशेष पानी बूढ़ी गंडक में प्रवाहित हो सकेगा। जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बुधवार को विधानसभा में इसकी जानकारी दी। बजट पर चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि यह बिहार की पहली नदी जोड़ योजना है।
इस योजना से 4 जिलों को सीधा लाभ होगा। शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर में बाढ़ से बचाव होगा। साथ ही बड़े इलाके में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। शिवहर से मोतिहारी जाने वाली स्टेट हाईवे पर आवागमन भी बाधित नहीं होगा, जो प्रत्येक वर्ष बागमती के पानी की वजह से बाधित होता है। यह योजना दो चरणों में किया जा रहा है। पहले चरण में सबसे अहम काम होना है। इसमें बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना फेज-4ए के अंतर्गत बागमती के दाएं तट पर बेलवा के नजदीक हेड रेगुलेटर एवं बांध का निर्माण एवं एड प्रोटेक्शन का कार्य हो रहा है।
हालांकि इस फेज का 85 फीसदी काम हो गया है। संजय झा ने बताया कि वर्ष 2022-23 में 1.43 लाख हेक्टेयर में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता का सृजन होगा। इसके लिए 25 योजनाओं पर काम जो रहा है। इस योजना द्वारा बागमती नदी के पानी को बागमती धार (बेलवा-मीनापुर लिंक चैनल) को पुनर्जीवित कर, चैनल के दोनों ओर तटबंध का निर्माण कर बेलवा स्थित हेड रेगूलेटर के माध्यम से बूढ़ी गंडक में पहुंचाना है।
मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया की बिहार ने ही इंटर लिंकिग ऑफ रिवर्स के स्थान पर इंट्रालिंकिंग ऑफ रिवर्स का कान्सेप्ट दिया। बिहार सरकार के अनुरोध पर राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण बागमती-गंगा लिंक, बूढ़ी गंडक-नून-बाया-गंगा लिंक और बागमती-बूढ़ी गंडक लिंक योजना की संभाव्यता पर पुनर्विचार कर रहा है। वहीं, कोसी-मेची लिंक योजना से पूर्वी कोसी मुख्य नहर का 41.30 किमी में रिमॉडलिंग कार्य, 76.20 किमी में मुख्य नहर का निर्माण और 229 किमी में शाखा नहर का निर्माण होना है।
इससे 4 जिलों में 2.15 लाख हेक्टेयर में सिंचाई एवं बाढ़ से राहत मिलेगी। कोसी-मेची लिंक: केंद्र से क्लियरेंस मिल चुका है। योजना के अमल में आने से सुपौल, सहरसा, अररिया, किशनगंज एवं पूर्णिया को लाभ होगा कोहरा- चंद्रावत लिंक ; कोसी गंगा लिंक; बागमती-गंगा ; पुनपुन-हरोहर (प्रस्तावित); बूढ़ी गंडक-नून-बाया (केंद्र को सुपुर्द किया जा चुका है) गोदावरी-कृष्णा योजना पूरी हो चुकी है।
इसके अलावा, कृष्णा-पेन्नार ; नागार्जुन सागर-सोमसिला; केन-बेतवा; कावेरी-वैगई-गुंडर; पोलवरम-विजयवाडा (सभी निर्माणाधीन) मंत्री बोले-गया में फल्गू में सालो भर पानी के लिए रबर डैम का निर्माण पितृपक्ष के पहले पूरा हो जाएगा। गया, नवादा एवं राजगीर को गंगा जल की आपूर्ति का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका। 151 किमी में 142 किमी में पाइप लाइन बिछा दी गई है।
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