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बिहार के किसानों को गोदाम बनवाने पर मिलेगा 9 लाख का अनुदान, जाने अनुदान के लिए न्यूनतम आवश्यकता

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बिहार में अनाज भंडारण को लेकर कृषि विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और हरित क्रांति उप योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना के तहत सरकार की ओर से किसानों को 200 टन क्षमता का अनाज गोदाम बनाने के लिए 5-9 लाख तक का अनुदान मिलेगा। तथा इस योजना में किसानों का चयन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा।

इसमें कृषक उत्पादक संगठन (एपीओ), कृषक समूह एवं महिला समूह को भी लाभ मिलेगा। साथ ही एससी/एसटी और महिला किसानों के लिए आरक्षण का प्रविधान किया गया है। इसके लिए किसानों को आनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए कुछ शर्तें भी निर्धारित की गई हैं। लाभार्थी को शपथ पत्र भरकर देना होगा।

प्रतीकात्मक चित्र

एक गोदाम के लिए 15 लाख 53 हजार रुपये निर्धारित की गई है। शासन ने जिला कृषि अधिकारियों को अनुमंडल, प्रखंड और पंचायत के साथ गांवों में प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए हैं। इस योजना का लाभ किसान के निजी जमीन पर मिलेगा। इसके लिए कुल 154 वर्ग मीटर भूमि की चाहिए। कृषि विभाग बाकायदा नक्शा बनाकर देगा।

गोदाम बनाने की योजना को।खासकर बाढ़ प्रभावित इलाकों के किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। दरअसल, अनाज के उचित भंडारण के लिए संसाधन नहीं होने के कारण किसानों को काफी नुकसान सहना पड़ता है। अन्ततः किसानों की समस्या को देखते हुए वर्ष 2021-22 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं इसकी उप योजना हरित क्रांति के तहत अनाज के उचित रखरखाव के लिए सरकार गोदामों का निर्माण करा रही।

गोदाम बनाने के लिए कृषि निदेशक ने जिलेवार लक्ष्य कर दिया है। जिलाधिकारियों व जिला कृषि अधिकारियों को पत्र लिखकर योजना को अमलीजामा पहनाने का निर्देश दिया है।सामान्य जाति वर्ग के किसान को 5 लाख या लागत मूल्य का 50 प्रतिशत और अनुसूचित जाति के किसानों को 9 लाख या लागत मूल्य का 75 प्रतिशत अनुदान मिलेगा।हालांकि अनुदान की राशि देने से पूर्व पूरी पारदर्शिता के साथ स्थलीय जांच की जाएगी। इसके लिए अधिकारियों की जवाबदेही निर्धारित की गई है। प्रमंडलीय संयुक्त सचिव को 10 प्रतिशत, डीएओ को 20 प्रतिशत, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को 50 प्रतिशत एवं बीएओ को 100 प्रतिशत स्थलीय सत्यापन करना है।

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