BIHAR
बिहार की ज्योति स्टेशन पर मांगती थी भीख, अब चला रही है कैफेटेरिया, मुश्किलों से भरा रहा है सफर
मशहूर शायर शायर अल्लामा इकबाल की एक पंक्ति है ‘खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है।’ इस को चरितार्थ किया है पटना की ज्योति ने। राजधानी में कैफेटेरिया चला रही ज्योति को देखकर यह कोई अंदाजा नहीं लगा सकता है कि वह कभी पटना जंक्शन पर भीख मांगती थी। एक वक्त था जब ज्योति कचरा चुनती थी।
ज्योति के लिए कचरा से कैफेटेरिया तक का सफर मुश्किलों से भरा रहा है। अपने मेहनत से अलग मुकाम तक पहुंची ज्योति हर किसी के लिए प्रेरणा बन गई है। बातचीत का उसका तौर-तरीका, बॉडी लैंग्वेज और अंग्रेजी का भी ज्ञान उसे अतीत से हटाकर कहीं और ले जाती है।
परिस्थितियों के समय परेशान रहने वाले लोगों के लिए ज्योति रोल मॉडल बन गई है। कई लड़कियों को ज्योति से प्रेरणा मिलती है। दैनिक भास्कर ने बताया कि 19 साल की ज्योति ने कैसे पटना जंक्शन की भिखारी मंडली से निकलकर कैफिटेरिया तक का सफर तय किया। ज्योति बताती है जो उसकी उम्र एक साल की थी तब उन्हें पटना जंक्शन पर छोड़ दिया गया। यही कारण रहा है कि अभी उसे मालूम नहीं है कि उसके माता-पिता कौन है।
दातुन बेचने वाली महिला शख्स ने बचपन में ज्योति को अपने पास जगह दी थी। ज्योति उसके साथ ही पटना जंक्शन पर भीख मांगने का काम करती थी और कचरा उठाती थी। लेकिन समय का दुर्भाग्य ऐसा घटा कि जिस मां ने उसे पाला वह भी इस दुनिया में नहीं रही। मां के निधन के बाद ज्योति को जिला प्रशासन रेनबो राजवंशी नगर में रख दिया। तब ज्योति की उम्र मात्र 10 साल की थी। यहीं से उन्होंने मेहनत की शुरुआत की और सफलता की नई बुलंदियों को छूया।
ज्योति के पढ़ाई पर रैंबो ने पूरा ध्यान दिया। कड़ी मेहनत के दम पर ज्योति ने दसवीं की परीक्षा पास की और अच्छे अंक हासिल किए। ज्योति को पढ़ाई के साथ-साथ कला में भी दिलचस्पी है। वह एक अच्छी आर्टिस्ट भी है। ज्योति की मेरा देख कंपनी ने उन्हें कैफिटेरिया चलाने का काम सौंप दिया। ज्योति ने दैनिक भास्कर को बताया कि दिन के समय कैफे चलाती है और रात को पढ़ाई करती है। ज्योति सारा खर्च खुद वहन करती है।
- BIHAR3 years ago
Arya-Go का स्पेशल पैकेज,अब मात्र 21 हजार में मिलेगा 21 कारों का काफिला
- BIHAR3 years ago
बिहार में स्कूलों का अवकाश कैलेंडर जारी, जानें 2022 में स्कूलों में कितने दिनों की होंगी छुटियाँ
- STORY3 years ago
मां चलाती थीं पेट्रोल पंप और सिर्फ 22 साल की उम्र में बेटी UPSC क्रैक कर बनी IAS अधिकारी