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BIHAR

बिहार इस जिले में तैयार हुआ राज्य का पहला तैरता हुआ सोलर प्लांट, एक साथ होगा मछली और बिजली उत्पादन

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बिहार राज्य का पहला तैरता हुआ सोलर बिजली प्लांट बनकर तैयार हो गया है। जिले के कादिराबाद मोहल्ले में राज्य का यह पहला तैरता हुआ पावर प्लांट एक तालाब मे लगाया गया है। नीचे में मछली उत्पादन किया जाएगा और तालाब के ऊपर सोलर प्लेट लगा कर सौर ऊर्जा से बिजली का भी उत्पादन किया जाएगा। मतलब की नीचे मछली और ऊपर बिजली।

तालाब के पानी के ऊपर सोलर प्लेट लगाने का कार्य अब लगभग पूरा हो चुका है। इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस सोलर प्लांट के जरिये उत्त्पन्न होने वाले बिजली को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए एक विद्युत उप केंद्र भी बनाया जा रहा हैं। इसमें 1.6 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जाएगा। अगर यह प्रयोग सफल रहा तो इसे और तालाबो में विस्तार किया जाएगा।

तैरता बिजली प्लांट लगानेवाले कंपनी के प्रॉजेक्ट मैनेजर रोहित सिंह ने बताया कि यह बिहार का एक मात्र पहला फ्लोटिंग सौर ऊर्जा से चलने वाला पावर प्लांट है। इसका काम अब लगभग पूरा हो चुका है। सरकार के साथ मिलकर यह कार्य पूरा किया जा रहा है। उन्होंने ने बताया कि इस पावर प्लांट से 1.6 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। विद्युत उप केंद्र बनकर तैयार होते हीं इसे चार्ज कर बिजली उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। रोहित सिंह ने बताया कि इस पावर प्लांट की खासियत यह है कि इससे कोई प्रदूषण भी नहीं होगा और न ही तालाब की बनावट के अलावा मछली पालन करने में कोई छेड़छाड़ किया जाएगा।

दरभंगा के नगर विधायक संजय सरावगी ने बताया कि बिहार सरकार के PPP मोड पर तालाब में यह फ्लोटिंग पावर प्लांट लगाया गया है। यह एक सफल प्रयोग होने वाला है। अगर इसमें सफलता हाथ लगी तो अन्य तालाबों में भी ऐसे सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। दरभंगा के DM त्याग राजन ने कहा जल्द ही इसका लाभ लोगों को मिलने वाला है। दरभंगा में लताबो की संख्या अधिक है, ऐसे में अगर गैर परंपरागत बिजली उत्पादन होती है तो बिजली उत्पादन की क्षमता भी बढ़ेगी। साथ हीं अधिक बिजली उत्पादन होने से इसके कीमतों में भी गिरावट आएगी।

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