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बाईपास के दक्षिण में मीठापुर ग्रिड का हो रहा निर्माण, नए ग्रिड की क्षमता पुराने से 80 मेगावाट होगी अधिक

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बाइपास के दक्षिण में मीठापुर ग्रिड बनाने का काम अब शुरू हो चुका है। दिसंबर माह तक इसे चालू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, मीठापुर स्थित एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट के पूरब-दक्षिण कॉर्नर पर 4 एकड़ का जमीन खाली पड़ा था जिस पर ग्रिड का निर्माण कार्य शुरू हुआ है।

वर्तमान समय में फाउंडेशन का कार्य हो रहा है। हालांकि बारिश हो जाये उससे पहले फाउंडेशन का कार्य पूर्ण कर देना है। इसके निर्माण हो जाने के बाद बाइपास के दक्षिण दिशा में स्थित पुराने मीठापुर ग्रिड की 5 एकड़ भूमि को खाली किया जाएगा। इस इलाके में एजुकेशन हब बनाया जा रहा है, जिसके लिए यह भूमि आवंटित की गई है। नए ग्रिड की क्षमता पुराने से 80 मेगावाट अधिक हाेगी।

प्रतीकात्मक चित्र

इसकी क्षमता 240 मेगावाट होगी। इसके लिए 80-80 मेगावाट के 3 पावर ट्रांसफॉर्मर लगाया जाएगा। इससे दक्षिण पटना में क्वालिटी बिजली की आपूर्ति होगी। शहर को क्वालिटी बिजली देने के लिए दो अन्य नए ग्रिड का निर्माण किया जा रहा है। इनमें दीघा और बोर्ड कॉलोनी शामिल हैं। बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी के अधिकारियों के अनुसार दीघा ग्रिड की क्षमता 160 मेगावाट और बोर्ड कॉलोनी की 160 मेगावाट होगी। GIS तकनीक पर निर्माण होने वाले दोनों ग्रिड को साउथ बिहार को नॉर्थ बिहार से कनेक्ट करने की योजना है।

वर्तमान में शहर को सात ग्रिडाें गायघाट, कटरा, दीघा, जक्कनपुर, खगौल, करबिगहिया और मीठापुर से बिजली सप्लाई होती है। अब दो नए ग्रिड बनने के बाद इसकी संख्या 9 हो जाएगी। न्यू मीठापुर ग्रिड गैस इंसुलेटेड सिस्टम (GIS) आधारित होगा। इसमें खासियत यह है कि, यह कम जमीन पर निर्माण किया जाना है। साथ ही आंधी-पानी के दौरान ट्रिपिंग की आशंका कम होती है। अधिकारियों के अनुसार नए ग्रिड के निर्माण पर 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें ग्रिड के सिस्टम पर 90 करोड़ एवं ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण पर 60 करोड़ की राशि खर्च होगी।

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