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पिता थे ट्रक ड्राइवर, तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्रेक कर IAS बनने वाले हरविंदर की प्रेरक कहानी
यूपीएससी वो एग्जाम जिसको क्रेक कर IAS अफसर बनने का सपना लाखों अभ्यर्थी देखते हैं। आईएएस बनने को लेकर देश के युवाओं में गजब का क्रेज होता है। वर्षो की मेहनत के बाद भी कई अभ्यर्थी को असफलता हाथ लगती है। कई ऐसे अभ्यर्थी भी होते हैं जिनकी आईएएस बनने तक की कहानी संघर्षों से भरी होती है। एक ऐसे ही कहानी आईएएस हरविंदर सिंह की है, कभी बचपन में ही सड़क दुर्घटना में हाथ चोटिल के बाद तीसरे प्रयास में आईएएस अफसर बनने तक की कहानी प्रेरक है।
हरविंदर सिंह का सपना था कि वो देश की सेवा करें। लिहाजा वो इंडियन आर्मी ज्वाइन करना चाहते थे। नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में पहले ही प्रयास में सफलता मिली लेकिन अंगुलियां टेढ़ी होने के चलते उन्हें मेडिकल से बाहर कर दिया गया। हरविंदर को सलाह मिली की इसका सर्जरी करवाने से मेडिकल एग्जाम में कोई दिक्कत नहीं होगी। हरविंदर ने सर्जरी भी करवा लिया। दूसरी बार परीक्षा दी। इस बार भी उन्होंने परीक्षा में सफलता हासिल की। लेकिन अंगुली पर दिख रहे टांके के कारण इस बार इनका सेलेक्शन नहीं हो पाया। हरविंदर के लिए बेहद विपरीत समय था।
हरविंदर ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। सिविल इंजीनियर में नौकरी करने लगे। पिता किसान हैं और ट्रक भी चलाते थे। नौकरी करते हुए ही हरविंदर ने यूपीएससी में किस्मत आजमाया। पहले प्रयास में प्री भी क्लियर नहीं करने वाले हरविंदर ने दूसरे प्रयास में मेंस तक पहुंचे लेकिन यहां भी सफल नहीं हो पाए। गलतियों से सीखकर हरविंदर ने तीसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी। इस बार हरविंदर को सफलता मिली। 355 वीं रैंक हासिल कर हरविंदर आईएएस अधिकारी बन गए।
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