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नक्सल इलाके की नम्रता ने नही मानी हार, चुनौतियों के बाद भी पहले IPS और फिर IAS बन पूरा किया सपना

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नम्रता जैन छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के कारली की रहने वाली हैं। बता दें कि दंतेवाड़ा जिला देश में नक्स-लवादी क्षेत्रों
है। नम्रता जैन ने बताया था की उनके कस्बे में एक पुलिस स्टेशन में नक्सलियों ने तबाही कर दिया था, जिसने सिविल सेवा में शामिल होकर गरीबों की सेवा करने और माओ-वाद प्रभावित क्षेत्र में विकास लाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया मैं जिस जगह से हूं वह नक्स-लवाद से प्रभावित है। मैं अपने राज्य के लोगों की सेवा करना चाहती हूं।

नम्रता जैन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दंतेवाड़ा के कारली के निर्मल निकेतन स्कूल से की, 10वीं पास करने के बाद मुश्किल आ गई, क्योंकि घरवालों ने आगे की पढ़ाई के लिए बाहर भेजने से मना कर दिया। लेकिन नम्रता की माँ ने उनका पूरा साथ दिया और परिवारवालों को नम्रता की पढ़ाई के लिए राजी किया। इसके बाद नम्रता ने 5 साल भिलाई और 3 साल दिल्ली में रहकर पढ़ाई की। नम्रता ने भिलाई के इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की और एक पब्लिक सेक्टर कंपनी में जॉब मिल गई। लेकिन नम्रता का सपना IAS बनने का था, इसलिए उन्होंने जॉब नहीं की और दिल्ली जाकर UPSC की तैयारी करने का फैसला किया। नम्रता को UPSC एग्जाम की तैयारी के लिए सबसे ज्यादा प्रोत्साहित उनके चाचा और मामा ने किया था।

नम्रता जैन के परिजनों ने बताया कि जब वह UPSC एग्जाम की तैयारी कर रही थीं, उस समय 6 महीने के अंतराल में उनके दो चाचा की मौत हो गई, जिससे वह काफी बिखर गई थीं। लेकिन उन्होंने अपने सपने को नहीं टूटने दिया और तैयारी में लगी रहीं, क्योंकि उनके चाचा भी चाहते थे कि नम्रता IAS बनें।
नम्रता ने पहली बार 2015 में UPSC की परीक्षा दी, लेकिन वह सफल नहीं हुई। फिर उन्होंने वर्ष 2016 में एग्जाम दिया और 99वां रैंक हाशिल करने के बाद भी वह IAS नहीं न बन कर वह मध्यप्रदेश कैडर की IPS अफसर बनीं। लेकिन नम्रता का लक्ष्य था IAS बनने का, इसलिए उन्होंने ट्रेनिंग के दौरान भी UPSC की तैयारी नहीं छोड़ी और तैयारी करती रहीं, उन्होंने 2016 में UPSC का एग्जाम न देकर 2018 में एग्जाम दिया। इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और ऑल इंडिया में 12वीं रैंक हासिल कर अपना IAS बनने का सपना पूरा किया।

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