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तीनो कृषि कानूनों को रद्द करने की ओर बढ़ा पहला कदम, कैब‍िनेट की ओर से मिली मंजूरी

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केंद्र सरकार के लगाए गए कृषि कानूनों को लेकर किसान लम्बे समय से आंदोलन कर रहे हैं। इसी के मध्य बुधवार को पीएम मोदी की ओर से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा से सरकार और किसानों के बीच पिछले 14 महीने से चल रहा मतभेद खत्म होने की उम्मीद बनी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गुरु पर्व पर की गई घोषणा के बाद कानून वापसी की दिशा में यह पहला औपचारिक कदम उठाया गया है। मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि PM मोदी की घोषणा की मंजूरी केंद्रीय कैबिनेट की पहली बैठक में ही मिल गई है। शीतकालीन सत्र के दौरान तीन कृषि कानूनो को निरस्त करने से संबंधीत विधेयक पेश किये जाने के लिए सूचीबद्ध है।

सरकार अपने फैसले के क्रियान्वयन पर तेजी से आगे बढ़ रही है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ठाकुर ने कहा कि 29 नवंबर को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। इसमें कृषि मंत्रालय के कृषि कानूनों की वापसी से संबंधित इस विधेयक को पेश करके पारित कराया जाएगा। जून, 2020 में केंद्र सरकार ने इन तीनों कृषि कानूनों से संबंधित अध्यादेश जारी कर उन्हें लागू किया था। लेकिन इन कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ संगठनों ने लंबा आंदोलन चलाया। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका।

19 नवंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुबह नौ बजे राष्ट्र को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की।प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा को अमली जामा पहनाने के लिए कानून वापसी से संबंधित विधेयक तैयार किया गया, संसद के अधिवेशन में इसे लोकसभा और फिर राज्यसभा से पारित कराया जाएगा।कैबिनेट की मंजूरी प्राप्त कानून वापसी के मसौदे को औपचारिक स्क्रूटनी के लिए विधि मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। विधेयक पर दोनों सदनों में इस पर चर्चा कराने के बाद पारित कराने से पूर्व इस पर मत विभाजन की प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी। हालांकि इस पर आम सहमति को देखते हुए किसी तरह का कोई विरोध की संभावना नहीं है। संसद से पारित विधेयक को राष्ट्रपति के पास अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद तीनों कानून रद हो जाएंगे।

ये हैं तीनों कानून 

  1. कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन व सरलीकरण), 2020
  2. कृषक (सशक्तीकरण-संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर अनुबंध विधेयक, 2020
  3. आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम, 2020

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