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छोटे गाँव से होते हुए UPSC टॉप करने वाले यश जालुका की कहानी, बिना कोचिंग क्लासेज की ही पाई सफलता।

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यूपीएससी वो एग्जाम जिसे क्रेक करने का सपना लाखों अभ्यर्थी देखते हैं। सालों की तपस्या और निरंतर मेहनत के दम पर इस परीक्षा में कामयाबी मिलती है लेकिन इसके बावजूद भी कई अभ्यर्थियों को निराशा का सामना करना पड़ता है। कहानी ग्रामीण इलाके से आने वाले यूपीएससी टॉपर यश जालुका की। जिन्होंने बिना कोचिंग क्लासेस जॉइन किए ही स्वाध्याय के दम पर यूपीएससी में कामयाबी पाई और साल 2020 के घोषित नतीजे में देशभर में चौथा स्थान लाकर सफलता के झंडे गाड़ दिए।

यश जालुका झारखंड के धनबाद जिले के ग्रामीण क्षेत्र झरिया से आते हैं। 12वीं तक की पढ़ाई गांव से की फिर ग्रेजुएशन के लिए दिल्ली का रुख किया। कॉमर्स स्ट्रीम से मास्टर डिग्री हासिल करते हुए ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। ‌ जिस एग्जाम की तैयारी में युवा कोचिंग क्लासेस में कई वर्ष गुजार देते हैं। लेकिन यस ने कोचिंग क्लासेस ज्वाइन नहीं किया। अपने रूम पर ही रहकर सेल्फ स्टडी कर बेहतर रणनीति से यूपीएससी की तैयारी की। पूरे डेडीकेशन के साथ तैयारी की और यूपीएससी में देशभर में चौथा स्थान लाकर कामयाबी की मिसाल पेश कर दी।

यश यूपीएससी की तैयारी कर रहे अन्य अभ्यर्थियों के लिए कहते हैं कि सिलेबस के अनुसार ही हमें तैयारी करनी चाहिए। ‌ पढ़ाई के साथ नोट्स तैयार करें और बेहतर रणनीति से सेल्फ स्टडी पर ज्यादा फोकस। आंसर राइटिंग हमेशा करते रहना चाहिए और समय-समय पर अपने कमजोरियों पर भी एनालाइज करते रहना चाहिए। यासिन अपनी तैयारी के दौरान इंटरनेट का भी खासा मदद लिया जिससे उन्हें तैयारी में मदद मिली।

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