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किसान की बेटी ने बिना कोचिंग का सहारा लिए UPSC में हाशिल किया 23 वीं रैंक, बनी IAS अफसर

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UPSC एग्जाम देश के सबसे कठीन परीक्षाओं में से एक मना जाता है। जिसकी तैयारी के लिए स्टूडेंट्स कोचिंग का सहारा लेते हैं और इसके बाद भी सफल नहीं हो पाते। ऐसी ही कहानी मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर की रहने वाली तपस्या परिहार की है, जिन्होंने सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी के लिए कोचिंग जॉइन किया।लेकिन जब सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने सेल्फ स्टडी पर भरोसा किया और ऑल इंडिया में 23वीं रैंक हासिल की।

तपस्या परिहार ने बारहवीं तक की शिक्षा केंद्रीय विद्यालय से किया। बारहवीं के पश्चात तपस्या ने पुणे के इंडियन लॉ सोसाइटी लॉ कॉलेज (Indian Law Society’s Law College) से वकालत की पढ़ाई की। फिर लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद तपस्या ने UPSC एग्जाम देने का फैसला किया। एग्जाम की तैयारी के लिए तपस्या ने कोचिंग जॉइन की, लेकिन पहले प्रयास में उन्हें सफलता नही मिली इसके बाद तपस्या परिहार ने कोचिंग छोड़ दी और इसके बाद उन्होंने सेल्फ स्टडी पर फोकस किया।

सेल्फ स्टडी से पाई सफलता

तपस्या परिहार (Tapasya Parihar) ने UPSC परीक्षा (UPSC Exam) की तैयारी के लिए कुछ तरीकों में बदलाव किया और कठिन मेहनत की। साथ ही जब वें दूसरे प्रयास के लिए तपस्या ने अध्ययन शुरू की तो उनका मुख्य टारगेट ज्यादा से ज्यादा नोट्स बनाने और उत्तर सॉल्व करने पर था। उन्होंने परीक्षा से पहले रिवीजन पर ध्यान दिया और कई आंसर पेपर सॉल्व कर डाले इसके बाद तपस्या की मेहनत रंग लाई और उन्होंने सिविल सर्विस एग्जाम 2017 में ऑल इंडिया में 23वीं रैंक हाशिल कर IAS बनी।

तपस्या परिहार (Tapasya Parihar) ने अपने परिवार को जब UPSC की तैयारी करने के लिए अपनी इच्छा जाहिर की तो उनके परिवार ने भी उनका साथ दिया। तपस्या के पिता विश्वास परिहार मूल रूप से किसान हैं। तपस्‍या के चाचा विनायक परिहार एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और UPSC एग्जाम की तैयारी के दौरान तपस्‍या को उनका काफी सहयोग मिला। तपस्या की दादी देवकुंवर परिहार नरसिंहपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं।

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