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बिहार के बच्चों के बेहतर इलाज के लिए 28 जिलों में बनेंगे अस्पताल, देखें प्रस्तावित जिलों की सूची
अब बिहार के सरकारी अस्पतालों में ही शिशुओं के इलाज की बेहतर व्यवस्था मिलेगी। इससे शिशु मृत्यु दर कम करने की दिशा में मदद मिल सकेगी। राज्य के बच्चों को उत्तम इलाज की सुविधा प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग जिला अस्पतालों में पिडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) का निर्माण कराएगा। फिलहाल इस योजना के लिए 28 जिलों का चयनित किया गया है। लगभग 78.66 करोड़ की लागत से पीकू का निर्माण होगा।
केंद्र सरकार द्वारा कोविड इमरजेंसी रिस्पांस एंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयर्डनेस पैकेज फेज-2 के अंतर्गत बिहार के लिए लगभग 13 सौ करोड़ रुपये की स्वीकृत मिली है, जिससे पीकू का निर्माण प्राथमिकता पर होना है। जानकारी के मुताबिक जिन 28 जिलों का चयन किया गया है उनमें से 22 जिला के अस्पतालों में 42-42 बेड के जबकि 6 जिला के अस्पतालों में 32-32 बेड की पीकू का निर्माण किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के इस काम की जिम्मेदारी बिहार स्वास्थ्य सेवाएं आधारभूत संरचना निगम को सौंपा गया है।पीकू अस्पताल का निर्माण प्री-फैबिकेटेड स्ट्रक्चर की सहायता से होगा। जबकि 8 जिलों में फील्ड पीकू के निर्माण का भी प्रस्ताव है। मिली जानकारी के मुताबिक 42 बेड के एक पीकू के निर्माण पर लगभग 2.88 करोड़ जबकि 32 बेड के निर्माण पर 2.55 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
हालांकि इसके निर्माण का लक्ष्य मई 2021 तक निर्धारित किया गया है। इनके अलावा 8 जिलों पटना, बेतिया, खगडिय़ा, सहरसा, पूर्णिया, नालंदा में 42-42 बेड और भागलपुर तथा एएनएमसीएच गया में 32-32 बेड के फील्ड पिडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट की स्थापना का भी प्रस्ताव है।
यहां 42 बेड के पीकू : मोतिहारी, गोपालगंज, जहानाबाद, भोजपुर, लखीसराय, बक्सर, नवादा, जमुई, कैमूर, कटिहार, समस्तीपुर, सारण, सीतामढ़ी, सिवान, किशनगंज, मधेपुरा, मधुबनी, औरंगाबाद, रोहतास, अररिया, बांका और वैशाली।
यहां 32 बेड के पीकू : सुपौल, बेगूसराय, अरवल, शिवहर, शेखपुरा, सुपौल, बेगूसराय, मुंगेर
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