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पटना के राहुल ने नौकरी छोड़ शुरू किया स्टार्टअप, आज कंपनी के ऐप पर प्रति माह लगभग 8000 करोड़ से ज्यादा का लेनदेन
राहुल राज ने राजधानी पटना में स्कूली पढाई करने के बाद IIT खड़गपुर से इंटीग्रेटेड मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री ली, कॉलेज से अच्छा प्लेसमेंट मिला और वह नौकरी भी करने लगे, लेकिन उनका उसमे मन नहीं लगा तो वह खुद का बिजनेस खड़ा करने के बारे सोचा। यह इतना भी आसान नहीं था। इसी बीच कोइनेक्स की शुरुआत हुई। कोइनेक्स क्रिप्टो में ट्रेड करने का प्लेटफार्म था और उस समय लगभग 1700 करोड़ का डेली ट्रेड वॉल्यूम पहुंच गया था लेकिन RBI के फ्रेमवर्क के बाद बंद करना पड़ा। लेकिन राहुल ने हिम्मत नहीं हारी और टीम के साथ बेंगलुरु चले गए। और वहां पर उन्होंने फ्लोबिज की शुरुआत की।
राहुल ने IIT खड़गपुर से इंटीग्रेटेड मास्टर ऑफ साइंस (M.Sc.) करने के बाद। 6 वर्षों के अपने छोटे से करियर में 3 स्टार्ट-अप पर काम किया। उनकी पहली कंपनी ज़ाइका थी, जो एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म था जो रेस्टोरेंट के लिए देसी फूडीज और इनोवेटिव बिजनेस सॉल्यूशंस देता था। फिर उन्होंने इनशॉर्ट्स एवं बीजोंगो के साथ भी काम किया। लेकिन बहुत जल्द ही इन दोनों जगहों से नौकरी छोड़ दी और कोइनेक्स को शुरू किया। यह क्रिप्टोकरेंसी को खरीद-बिक्री करने का एक प्लेटफार्म था। फिर बाद में राहुल ने फ्लोबिज को स्टार्ट किया और फिलहाल अभी वह इसके फाउंडर और सीईओ हैं। फ्लोबिज एक मोबाइल आधारित प्लेटफार्म है, जिसे छोटे व्यवसाय की जरूरतों को ध्यान में रख कर इसे बनाया गया है।
फ्लोबिज भारत का ऐसा पहला नियो बिजनेस प्लेटफॉर्म है जो डिजिटलीकरण के माध्यम से छोटे एवं मध्यम उद्योगों के विकास में मदद करना चाहता है। राहुल ने इसकी शुरुआत वर्ष 2019 में किया था, इसमें उनके साथ आदित्य नाइक एवं राकेश यादव भी हैं। फ्लोबिज को सिकोइया कैपिटल इंडिया, थिंक इंवेस्टमेंट्स, एलिवेशन कैपिटल एवं बीनेक्स्ट से फंडिंग मिली है। फर्म के हॉल के फंडिंग राउंड में विजय शेखर शर्मा (पेटीएम), जितेन गुप्ता (जुपिटर), कुणाल शाह (क्रेड), अमरीश राव (पाइन लैब्स), नीरज अरोड़ा (HalloApp), अंकित तोमर (बिजोंगो), नितिन गुप्ता (यूनी कार्ड्स), सयाली करंजकर (पेसेंस) और कृष्णन मेनन (बुकुकास), 9 यूनिकॉर्न और व्हाइटबोर्ड कैपिटल ने भाग लिया था।
भारत में 63.3 मिलियन एमएसएमई (MSME) हैं, और उनमें से 80% अभी भी पेन-पेपर पर काम करते हैं। राहुल ने अपने साथियों के साथ उनके काम को और आसान करने के लिए MyBillBook को शुरू किया। MyBillBook से पहले उनके विकास को डिजिटाइज एवं स्केल करने में मदद करने के लिए कोई बढ़िया सॉफ्टवेयर नहीं था। इसकी सफलता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि लॉन्च होने के बाद से अभी तक MyBillBook 60 लाख से ज्यादा डाउनलोड हुआ है और इसके 12 लाख एक्टिव यूजर हैं और 1 महीने में ये लोग करीब 8000 करोड़ से अधिक का लेनदेन करते हैं। कंपनी के पास इस समय कुल 120 से अधिक लोग काम कर रहे हैं।
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