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बिहार को विशेष राज्य दिलाने की मांग तेज, सीएम नीतीश ने नीति आयोग की रिपोर्ट पर केंद्र को सुनाया खरी-खोटी

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बिहार को विशेष राज्य दिलाने की मांग एक बार फिर तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार एक बार फिर खरी-खोटी सुनाया है। बीते दिन सोमवार को सीएम नीतीश जनता के दरबार में मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे। सीएम ने कहा कि हाल ही में नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में बिहार को सबसे पिछड़ा राज्य बताया गया है। राज्य के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए केंद्र सरकार को विशेष राज्य का दर्जा देना जरूरी है।

सीएम नीतीश ने कहा कि नीति आयोग का मतलब है नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया। पिछड़े राज्यों को ट्रांसफॉर्म किये बिना भारत को कैसे ट्रांसफाॅर्म किया जा सकता है। जो राज्य पिछड़ा है उसके उत्थान के लिए काम करना होगा। सीएम ने बताया कि नीति आयोग की बैठक में हमने कई बातों का उल्लेख किया है। सरकार ने नीति आयोग को पत्र भी लिखा है। बिहार के हर पहलू के बारे में जिक्र किया गया है। बिहार के विकास के लिए हम लोग 2005 से ही लगातार काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से बिहार 12वें पायदान पर है जबकि आबादी के हिसाब से तीसरे नंबर पर है। जब हमलोगों ने काम किया तब प्रजनन दर 4.3 थी। हमने फैसला लिया कि सभी पंचायतों में इंटर तक पढ़ाई के लिए व्यवस्था होगी। लड़कियों के उत्थान के लिए उन्हें पढ़ाने का काम किया गया। जिस प्रकार से हमलोग काम कर रहे हैं प्रजनन दर घटकर 2.0 हो जाएगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विशेष राज्य का फायदा गिनाते हुए कहा कि की जो योजनाएं चलती हैं, उनमें शेयर 90:10 हो जायेगा। फिलहाल 60:40 या 50:50 है। जो पैसे बचेंगे उससे राज्य का विकास होगा। विकास की रफ्तार बढ़ेगी और बिहार विकसित होगा। उन्होंने कहा कि विशेष राज्य दर्जा की मांग किसी के विरूद्ध नहीं है बल्कि राज्य के हित में है। जिन राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ है उन्हें बेहद फायदा हुआ है।

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