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मल्टीनेशनल कंपनी के लाखों की नौकरी छोड़ की UPSC की तैयारी, तीन साल के बाद IAS बने उत्कर्ष
यूपीएससी वो एग्जाम जिसे क्लियर कर आईएएस बनने का सपना हर साल लाखों अभ्यर्थी देखते हैं। सालों की मेहनत और लंबे इंतजार के बाद इस परीक्षा में छात्रों को सफलता मिलती है। युवाओं में आईएएस बनने का जुनून सर चढ़कर बोलता है। कई ऐसे भी युवा होते हैं जो अच्छी-खासी नौकरी ठुकरा यूपीएससी की राह में निकल पड़ते हैं। ऐसी ही एक कहानी 3 साल के संघर्ष के बाद आईएएस बने उत्कर्ष की। जिन्होने लाखों की नौकरी छोड़ समाज में क्रांति लाने के लिए आईएएस अफसर बन गए। सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए उत्कर्ष रोल मॉडल बन गए हैं।
उत्कर्ष कुमार झारखंड के हजारीबाग से आते हैं। मां शिक्षक है। पिता इंजीनियर है। 12वीं की पढ़ाई के बाद आईआईटी प्रवेश परीक्षा क्लियर किया। फिर आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई खत्म होने के बाद एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में उत्कर्ष को सालाना 29 लाख रुपए के पैकेज से नौकरी मिली। कुछ साल नौकरी करने के बाद ही उन्होंने समाज में बदलाव लाने के लिए यूपीएससी की राह थाम ली। इतनी बेहतरीन नौकरी के बाद यूपीएससी की तैयारी में आना यह अपने आप में बड़ा फैसला था। ऐसे प्रतिकूल सामान्य परिवार के सदस्यों ने सपोर्ट किया और उत्कर्ष यूपीएससी की राह में निकल पड़े।
उत्कर्ष ने यूपीएससी की परीक्षा दी। पहले प्रयास में असफलता मिली फिर उन्होंने दूसरे प्रयास में ही सफलता हासिल करते हुए आईएएस अधिकारी बनने का सपना साकार किया। हाल ही में यूपीएससी 2020 के घोषित नतीजों में उत्कर्ष ने 55 वी रैंक लाकर सफलता के झंडे गाड़ दिए। उत्कर्ष कहते हैं कि सिविल सर्विसेज की बेहतर तैयारी के लिए पढ़ाई के साथ नोट्स और आंसर आईटी की प्रैक्टिस करती रहनी चाहिए। सोशल मीडिया और समाचार पत्रों से भी अपडेट रहना चाहिए जिससे हमारी परीक्षा की तैयारियों में मदद मिलती है।
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