Connect with us

STORY

UPSC में 5 बार असफल होने के बाद भी कम नही हुआ जुनून, छठे प्रयास में UPSC क्रैक कर बने IAS

Published

on

यूपीएससी की राह अनिश्चितताओं से भरी होती है। कई अभ्यर्थी पहले ही प्रयास में सफलता पा लेते हैं तो कई अभ्यर्थियों को सालों भर इंतजार करना पड़ता है। यूपीएससी क्लियर करने वाले हर अभ्यर्थी की कहानी प्रेरणादायक होती है। कहानी साल 2019 में यूपीएससी क्लियर करने वाले आईएस सौरभ पांडे की जिन्होंने लगातार पांच बार असफलता मिलने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और छठे प्रयास में लक्ष्य हासिल कर ही दम लिया। ऐसे प्रतिकूल परिस्थितियों में सौरभ के परिवार वालों और दोस्तों ने सपोर्ट किया जिससे उन्हें सफलता में मदद मिली‌‌। सौरभ की कहानी अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा हो सकती है।

सौरभ उत्तर प्रदेश के वाराणसी से आते हैं। 12वीं के बाद ग्रेजुएशन की फिर नौकरी करने लगे। नौकरी छोड़कर यूपीएससी की राह थाम ली। साल 2013 में यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। संघर्षों से भरा सफर यहीं से शुरुआत हुआ। साल 2014 में पहले प्रयास में सफलता मिली। फिर दूसरे और तीसरे प्रयास में भी सौरभ प्री एग्जाम भी क्लियर नहीं कर सके। फिर बेहतर रणनीति से यूपीएससी की तैयारी की चौथे प्रयास में इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे लेकिन यहां भी निराशा हाथ लगी। पांचवें प्रयास में भी सौरभ इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे लेकिन एक बार फिर सौरभ को निराश लौटना पड़ा।

लगातार पांच प्रयास में असफलता मिलने के बाद सौरभ पूरी तरह टूट चुके थे। ऐसे प्रतिकूल परिस्थितियों में परिवार के सदस्य और दोस्तों ने सपोर्ट किया। सौरभ ने एक बार फिर यूपीएससी की परीक्षा दी इस बार उन्होंने कामयाबी हासिल करते हुए साल 2019 के घोषित परिणाम में ऑल इंडिया 66वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बनने का लक्ष्य हासिल किया।

सौरभ कहते हैं कि धैर्य के साथ मेहनत करने से ही यूपीएससी में सफलता मिलती है। शुरुआती असफलता से ना घबराकर हमें निरंतर तैयारी करती रहनी चाहिए। अपनी गलतियों को सुधार कर बेहतर रणनीति से दूसरे प्रयास में कोशिश करें। सौरभ उन अभ्यार्थियों के लिए प्रेरणा बन गए जो शुरुआती असफलता मिलने के बाद अपने लक्ष्य से पीछे हट जाते हैं।

Trending