STORY
चाय बेचने वाला का बेटा हॉस्टल के किचन में पढ़ाई कर NEET में पाई सफलता, अब बनेगा डॉक्टर
सफलता किसी शोहरत और परिचय की मोहताज नहीं होती इसे साबित किया है इस लड़के ने। तमाम कठिनाइयों और संघर्षों के बावजूद मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET में सफलता हासिल करने वाले उमेश कुमार वर्मा की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा हो सकती है। पिता रेलवे स्टेशन पर वेंडर का काम करते हैं। चाय और अन्य सामान बेचकर परिवार का खर्च वहन करते हैं। ऐसे हालातों के बीच दिल में डॉक्टर बनने का सपना संजोये उमेश के लिए यह सफर आसान नहीं रहा है। इनकी कहानी हम सभी को पढ़नी चाहिए।
उमेश उत्तर प्रदेश के बहराइच से आते हैं। पिता कृष्णानंद शुक्ला रेलवे स्टेशन पर वेंडर हैं। यहीं चाय और अन्य समाज से होने वाले पैसे से परिवार का गुजारा होता है। उमेश ने 10वीं में 73 फीसद जबकि 12वीं में 80 फीसद अंकों के साथ सफलता पाई है। घर के मालिक हालातों के बावजूद भी उमेश ने डॉक्टर बनने का सपना नहीं छोड़ा। पूरे शिद्दत से मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट की तैयारी की। बीते दिनों नीति के परिणाम जारी हुए और उमेश ने सफलता पाई। उमेश की ऑल इंडिया रैंक 9905 है जबकि ईडब्ल्यूएस रैंक 1337 है।
विपरीत परिस्थितियों के बीच उमेश में सफलता पाई है। उमेश बताते हैं कि नीट की तैयारी के लिए पहले लखनऊ आया फिर कानपुर का रुख किया। 500 रुपए के फीस पर एडमिशन मिला। रहने के लिए कोई स्थाई जगह नहीं था लिहाजा हॉस्टल के रसोई वाले कमरे में ही रहकर परीक्षा की तैयारी में भिड़ गए। रहने के लिए कोचिंग सेंटर वाले ही हर माह 2 हजार रुपए देते थे। एक वक्त ऐसा भी था जब उमेश के किडनी में स्टोन होने के बाद ऑपरेशन कराया फिर आगे पढ़ाई की और आज सफलता हासिल कर लोगों के लिए प्रेरणा बन गए।
- BIHAR3 years ago
Arya-Go का स्पेशल पैकेज,अब मात्र 21 हजार में मिलेगा 21 कारों का काफिला
- BIHAR3 years ago
बिहार में स्कूलों का अवकाश कैलेंडर जारी, जानें 2022 में स्कूलों में कितने दिनों की होंगी छुटियाँ
- STORY3 years ago
मां चलाती थीं पेट्रोल पंप और सिर्फ 22 साल की उम्र में बेटी UPSC क्रैक कर बनी IAS अधिकारी