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दिव्यांशु ने इंटरव्यू से पहले पिता को खोया, फिर भी कम नही हुआ हौसला और 44वीं रैंक लाकर बने IAS
“कौन कहता है आसमां में सुराग नहीं होता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो।” इस पंक्ति को चरितार्थ किया लखनऊ के दिव्यांशु ने। अपने जीवन में उतार-चढ़ावों के बीच दिव्यांशु ने देश के सबसे मुश्किल परीक्षा यूपीएससी को क्लियर किया। इसी साल जून में अपने पिता को खोने के बाद विपरीत परिस्थिति में भी अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहें और कामयाबी हासिल कर के ही दम ली। तीसरे प्रयास में आईएएस अधिकारी बने दिव्यांशु की कहानी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए प्रेरणा बन सकती है।
उत्तर प्रदेश के लखनऊ से आने वाले दिव्यांशु काबिल छात्र रहे हैं। शुरुआती पढ़ाई के बाद दिव्यांशु नेबिट्स पिलानी गोवा कैंपस से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। फिर देश की सबसे मुश्किल परीक्षा यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। पहले प्रयास में निराशा हाथ लगी। दूसरे प्रयास में भी दिव्यांशु सफल नहीं हो पाए। दिव्यांशु तीसरे प्रयास के लिए यूपीएससी सीएसई 2020 इंटरव्यू की तैयारी कर रहे थे इसी दौरान इनके IFS अफसर पिता दुनिया को अलविदा कह गए। यह वक्त दिव्यांशु के लिए मुश्किलों से भरा था। लेकिन दिव्यांशु ने यूपीएससी की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी।
दिव्यांशु ने यूपीएससी की परीक्षा दी। मेहनत का परिणाम मिला। दिव्यांशु ने तीसरे प्रयास में यूपीएससी के घोषित नतीजे में 44वीं रैंक हासिल कर सफलता अर्जित की। अब दिव्यांशु आईएएस अफसर बनेंगे। यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए दिव्यांशु कहते हैं कि रोजाना आठ घंटे पढ़ाई करनी चाहिए। सिलेबस के मुताबिक पढ़ाई करें और सीनियर से मार्गदर्शन लेते रहें। प्री से ज्यादा मेंस परीक्षा की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करें सफलता मिलेगी।
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