Connect with us

STORY

बचपन से ही श्रीकांत के मरने की दुआ करते थे लोग, अब है 50 करोड़ की कंपनी, बनना चाहते हैं राष्ट्रपति

Published

on

जीवन में चुनौतियों का सामना किस हद तक करना पड़ता है, श्रीकान्त से बेहतर शायद ही कोई बयां कर सकता है। बचपन से नेत्रहीन श्रीकांत ने हजार जिलतें झेली है। जिस अंधेपन के कारण लोगों ने श्रीकांत के मरने की दुआ की थी आज वो श्रीकांत की सफलता की मिसाल दूसरों को देते हैं। जिस अंधे लड़के के जन्म पर परिवार में मातम पसरा था आज वो लड़का 50 करोड़ की कंपनी का मालिक हैं। रतन टाटा और केनफ़ोलिओस की टीम भी इनके हौंसले को सलाम कर चुकी है।

आंध्र प्रदेश के किसान परिवार में जन्मे श्रीकांत बचपन से नेत्रहीन हैं। नेत्रहीनता के चलते श्रीकांत का बचपन बेहद मुश्किलों और अकेलेपन में गुजरा‌। श्रीकांत की दादी इनको सर आंखों पर बिठाए रहती थी। दूसरे बच्चे भी श्रीकांत से दूरी बनाए रहते थे। लोग श्रीकांत को नाकारा बता कर मरने तक की बात कह देते थे। परिवार वालों ने घर से 400 किलोमीटर दूर हैदराबाद के ब्लाइंड स्कूल में श्रीकांत का एडमिशन करवा दिया। घर की याद और अलग माहौल में श्रीकांत असहज महसूस करने लगे। फिर बिना कुछ परवाह किए स्कूल से भाग निकलें।

कुछ कर गुजरने के जिद में श्रीकांत ने मेहनत के पथ पर अग्रसर हो गए। दसवीं परीक्षा में फर्स्ट डिवीजन के साथ सफल हुए। बोर्ड एग्जाम में 98 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण हुए। साइंस स्ट्रीम से आगे की पढ़ाई करना चाहते थे लेकिन मज़बूरन आर्ट्स स्ट्रीम से पढ़ना पड़ा। श्रीकांत को किस्मत ने भी साथ देना शुरू कर दिया। आईआईटी में दाखिला ना होने के बाद विश्व की प्रतिष्ठित मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से पढ़ाई पूरी की। श्रीकांत ऐसे पहले नेत्रहीन छात्र बन गए जिन्होंने एमआईटी से पढ़ाई की।

श्रीकांत ने साल 2012 में बोल्लांत इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की। अपने कंपनी में दिव्यांग लोगों को काम पर रखा। कंपनी में इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट बनते हैं, जैसे- प्लास्टिक की ग्लासें, डिस्पोजेबल चम्मच, कप्स इत्यादि। आज कंपनी में 150 से ज्यादा दिव्यांग वर्कर है। सालाना बिक्री 70 लाख के पार है। श्रीकांत से प्रभावित होकर साल 2016 में रतन टाटा ने फण्ड देने की घोषणा की। श्रीकांत बेस्ट इंटरप्रेन्योर सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं। श्रीकांत ने 24 साल की उम्र में सफलता के नए आयाम स्थापित कर लिए हैं। श्रीकांत की ख्वाहिश अब राष्ट्रपति बनने की है।

Trending