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खगड़िया और महेशखूंट के पश्चिमी केबिन पर आरओबी निर्माण की मिली मंजूरी, जाम से मिलेगी मुक्ति
खगड़िया और महेशखूंट के पश्चिमी केबिन पर लोगों को जल्द ही जाम से निजात मिलने वाली है। दरसल खगड़िया के पश्चिमी केबिन पर 95.80 करोड़ एवं महेशखूंट में 49.81 कराेड़ की लागत से आरओबी का निर्माण होगा। हालांकि अभी इसका टेंडर के प्रोसेस में है। जिसे हर हाल में शुरू किया जायेगा। ये बातें सांसद चौधरी महबूब अली कैसर ने कही।
उन्होंने कहा कि खगड़िया सदर अस्पताल में कोरोना काल में कई लोगों की मौत हो गई। जिसका सरकार को खेद है। किन्तु स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए भी सरकार गंभीर है। और इसी का प्रतिफल है कि खगड़िया को तोहफा मिला है। दरसल आईआरसी की ओर से 50 लाख की लागत से 25 बेड के ICU अस्पताल का निर्माण होना है जो हर हाल में इसका कार्य इसी वर्ष पूर्ण किया जायेगा। सांसद ने बताया कि अभी देश भर में 4 सैनिक स्कूल का निर्माण होना है।
हालांकि वे अपने तरफ से पूरा प्रयास कर रहे हैं कि कम से कमखगड़िया में एक स्कूल खुल जाए। जबकि मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर भी वे अपनी ओर से प्रयास कर रहे है। सांसद ने कहा कि खगड़िया का काफी पिछड़ा इलाका कहा जाने वाला इलाका फरकिया व दियारा में वास्तव में जाने आने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।
लेकिन अब इन दोनों इलाके का कायाकल्प तेजी से किया जा रहा है। और यह परिवर्तन बिहार व केंद्र सरकार के संयुक्त पहल पर हो रहा है। वहीं सुगरकोल में पुल के निर्माण होने से सहरसा जाना तो आसान होगा ही साथ ही समय की भी बचत होगी। सोनमनकी में बागमती नदी पर पुल निर्माण से फरकिया के लोगों को काफी सहूलियत हो गई है। कोई घटना व दुर्घटना होने पर पुलिस, मेडिकल टीम आदि आसानी से घटना स्थल पर पहुंच जाती है। साथ ही वहां के लोगों को मुख्यालय आना आसान हो गया है।
महेशखूंट पश्चिमी केबिन ढाला पर हर दिन अमूमन सभी वाहनों को रेलवे फाटक बंद रहने की वजह से जाम से जूझना पड़ता है। क्योंकि कटिहार-बरौनी रेलखंड काफी व्यस्त रेलवे रूट है। वहाँ प्रत्येक आधे घंटे में 10 से 20 मिनट के लिए रेलवे फाटक बंद होता है और देखते ही देखते महेशखूंट-अगुवानी मुख्य रोड पर रेलवे केबिन के दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लग जाती है।
ऐसे में लोगों का समय बर्बाद होता। आपको बता दूं कि महेशखूंट-अगुवानी स्टेट हाईवे गोगरी अनुमंडल मुख्यालय, जमालपुर बाजार और परबत्ता प्रखंड मुख्यालय को कनेक्ट करते हुए अगुवानी गंगा घाट तक जाती है। और यहीं वजह है कि यह सड़क आवागमन के लिहाज से काफी व्यस्त और महत्वपूर्ण है। लेकिन आरओबी के कमी के कारण महेशखूंट से आगे निकलने में वाहनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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