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ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियमों में हुआ बदलाव, प्रत्येक जिले में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक की होगी स्थापना

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इस वर्ष परिवहन विभाग के बजट में लगभग 22 करोड़ रुपये की कटौती की गई है। विभाग का फोकस है कि, पुरानी योजनाओं को ही गति देकर पूरा करना। ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए प्रत्येक जिले में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक की स्थापना की जाएगी। फिलहाल 15 जिलों में प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। वहीं औरंगाबाद को छोड़कर शेष सभी जिलों में दो-दो मोटर वाहन प्रशिक्षण संस्थान भी खोले जाएंगे। इसके लिए अधिकतम 20 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। अभी तक 51 संस्थानों का निर्माण प्रारंभ हो चुका है, वहीं गया एवं अरवल में निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।

मोटर ट्रेनिंग ड्राइविंग स्कूलों में सिमुलेटर आधारित प्रशिक्षण भी अनिवार्य कर दिया गया है, इसके लिए अधिकतम 2 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि चालक प्रशिक्षण केंद्रों को देने का प्रावधान है। राज्य के ग्रामीण इलाकों में सुरक्षित परिवहन को बढ़ावा देने के लिए 454 बस स्टाप का निर्माण कार्य पूरा हो गया है।

वहीं दूसरे चरण में 296 स्थलों का चयन बस स्टाप के लिए किया गया है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गाड़‍ियों में लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और इमरजेंसी बटन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। महिला के नाम पर कामर्शियल वाहनों की खरीद के साथ महिला के नाम पर लाइसेंस होने पर वाहन कर में शत-प्रतिशत छूट दिया जा रहा है।

इसी प्रकार दिव्यांगों के द्वारा प्रयोग में लाए गए वाहनों को टैक्स से छूट दी गई है। बैट्री चालित या इलेक्ट्रिक वाहनों को कुल टैक्स में 50 फीसदी का छूट दिया जा रहा है। जिन प्रखंडों में वाहन प्रदूषण जांच केंद्र नहीं है, वहां प्रदूषण जांच केंद्र बनाने के लिए भी अनुदान दिया जा रहा है। पटना नगर निगम क्षेत्र के साथ-साथ दानापुर, खगौल एवं फुलवारीशरीफ नगर परिषद क्षेत्र में 31 मार्च, 2022 से डीजल चालित आटो का परिचालन प्रतिबंधित रहेगा। ऐसे में आटो चालकों के लिए अनुदान का प्रावधान किया गया है। पटना में परिचालन होने वाले डीजल चालित बसों के स्थान पर नए सीएनजी बसों के लिए 3.75 करोड़ की स्वीकृति दी गई है।

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