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5 बार की असफलताओं से भी नहीं मानी हार, पाँच बार फेल के होने के बाद नमिता ऐसे बनी IAS अफसर।

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UPSC वो एग्जाम जिसको पास कर आईएएस बनना का सपना लाखों अभ्यर्थी देखते हैं। युवाओं में गजब का क्रेज होता है। देश की सबसे मुश्किल परीक्षा की तैयारी में अभ्यर्थी अपने जीवन के कई वर्ष गुजार देते हैं, बाबजूद इसके सफलता मिलती है, तो कई अभ्यर्थियों को निराशा भी हाथ लगती है। कहानी एक ऐसे आईएएस अफसर की जिन्होंने पांच बार असफलता मिलने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी। छठें प्रयास में यूपीएससी क्लियर कर आईएएस बनने वाली नमिता शर्मा की कहानी सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा हो सकती है।

नमिता शर्मा दिल्ली से आती है, पिता दिल्ली पुलिस में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर है। मां घर में ही कामों को देखती है। परिवार में एक भाई है‌। शुरुआती पढ़ाई दिल्ली में ही हुई दिल्ली के आईपी यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई के हुई। नमिता का प्लेसमेंट हुआ, इसके बाद उनकी नौकरी आईबीएम कंपनी में लगी।

फिर नमिता का मन सिविल सर्विसेज में जाने का हुआ। अपने नौकरी से असंतुष्ट नमिता ने मुंबई में दो साल जॉब करने के बाद छोड़ने का फैसला लिया। यूपीएससी की तैयारी करने लगी, पहले दूसरे लगातार चार बार मिली असफलताओं ने नमिता के हौसलों को पस्त कर दिया। बावजूद इसके उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और यूपीएससी की तैयारी जारी रखा

पांचवें प्रयास में प्री और मेंस में सफल होने के बाद इंटरव्यू राउंड में नमिता का नाम नहीं आया। यह वक्त काफी मुश्किलों से भरा था। एक बार फिर यूपीएससी की परीक्षा दी। छठे प्रयास में आखिरकार नमिता को सफलता हाथ लगी। ऑल इंडिया रैंक में घोषित नतीजे में 145 वीं रैंक प्राप्त कर आईएएस अफसर बन गई।

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