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11 रुपए में हजारों छात्रों को शिक्षा देने वाले पटना के गुरु रहमान की कहानी, कभी समाज ने किया था विरोध

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जिस युग में कोचिंग क्लासेस वाले प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए छात्रों से हजारों और लाखों रूपए फीस वसूली करते हैं। वहीं पटना के गुरु रहमान सर में 11 रुपए की फीस लेकर बच्चों की भविष्य संवार रहे हैं। एक छोटे से कमरे से की शुरुआत करने से लेकर हजारों छात्रों के भविष्य बनाने तक गुरु रहमान की कहानी बेहद दिलचस्प रही है।

डॉक्टर मोतिउर रहमान पढ़ाई में शुरू से ही प्रतिभावान छात्र रहे हैं। मास्टर की डिग्री में गुरु रहमान ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में टॉप किया था। सपना आईएएस अधिकारी बनने का था। कई प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता पाई। फिर अध्यापन के क्षेत्र में गुरु रहमान की दिलचस्पी बढ़ती गई। छोटे से कमरे से बच्चों को पढ़ाने की शुरुआत की। धीरे-धीरे गुरु रहमान के शिक्षण शैली से बच्चे प्रभावित हुए। देखते ही देखते हजारों छात्र पढ़ने के लिए आने लगे।

गुरु रहमान अपने कोचिंग में बच्चों को सिविल सर्विसेज, बीपीएससी और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने लगे। गुरु रहमान की चर्चा उस समय चारों तरफ होने लगी जब साल 1994 में बिहार में 4000 सब इंस्पेक्टरों की पदों पर बहाली हुई थी। जिसमें 1000 छात्र गुर रहमान के कोचिंग क्लासेज के थे।‌ गुर रहमान सुर्खियों में आ गए। हर कोई इनके बारे में जानने लगा।

एक वक्त ऐसा भी था जब गुरु रहमान को समाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा। गुरु रहमान ने गैर मुस्लिम लड़की से प्रेम होने के चलते शादी कर ली। तब समाज ने उनका जमकर विरोध किया। आज बिहार की राजधानी पटना में गुरु रहमान के कोचिंग क्लासेज में रोजाना हजारों छात्र अपने भविष्य संवारने के लिए आते हैं।

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