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सुल्तानगंज-भागलपुर फोरलेन सड़क का निर्माण अगले 2 वर्षों में होगा पूरा, इन जिलों के बीच बेहतर होगी कनेक्टिविटी

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सुल्तानगंज स्थित खड़िया गांव से लेकर भागलपुर बाइपास तक फोरलेन सड़क का निर्माण किया जाना है जो 2 वर्षो में बनकर तैयार हो जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 12 मार्च 2022 को एप्वाइंटटेड डेट जारी कर दिया है। इससे यह तो निश्चित हो गया है कि अगले दो वर्षो में खडिया से बाइपास तक फोरलेन सड़क का काम पूरा करना होगा।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा पैकेज-दो के तहत मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। पिछले दिनों जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कार्य का निरीक्षण किया था। निर्माण कार्य की गति धीमी होने के कारण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण मुंगेर के परियोजना निदेशक को पत्र लिखकर एप्वाइंटटेड डेट तय करने के लिए कहा था। उक्त पत्र के आलोक में एप्वाइंटटेड डेट निर्धारित किया गया।

प्रतीकात्मक चित्र

जिलाधिकारी ने बताया कि पैकेज-3 एवं 4 में भू-अर्जन का कार्य करीब-करीब पूरा हो चुका है। कार्य शुरू करने में कोई खास दिक्कत नहीं होने के कारण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक को पैकेज-3 एवं 4 में भी एप्वाइंटटेड डेट निर्धारित करने का निर्देश दिया गया है। अर्जित होने वाली भूमि के रैयतों के बीच अभी तक 295 करोड़ से अधिक मुआवजा राशि का भुगतान हो चुका है।

जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि 31 मार्च तक बाकी के 350 करोड़ मुआवजे की राशि रैयतों को भुगतान कर दिया जाए। सड़क से संबंधित सभी विभागों को सड़कों में सुरक्षा चिन्हों और मानकों के प्रावधान करने का निर्देश दिया गया है। बाढ़ को ध्यान में रख सड़क सुरक्षा आडिट करने का पथ निर्माण विभाग और NH विभाग को मिला है।

यह शुनिश्चित करना है कि जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है वहां बनने वाली सभी सड़कें बाढ़ रोधी हो। यह आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोडमैप 2015-30 से संबंधित है। सोमवार को पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख द्वारा जारी अधिसूचना में रोड मैप से संबंधित कार्यों की समीक्षा को ध्यान में रखते हुए विभिन्न पहलुओं पर दिशा-निर्देश दिया गया है।

साथ ही सभी प्रमुख पुलों की सुरक्षा आडिट बाढ़, भूकंप एवं सड़क दुर्घटना के दृष्टिकोण से करने को कहा गया है। तथा सुनिश्चित करना है कि सभी पुल भूकंपरोधी हो। तथा सड़क हादसे को लिए यह सुनिश्चित करना है कि घनी आबादी से होकर गुजरने वाले सभी NH, SH एवं MDR रोड में सुरक्षा चिह्नों एवं मानकों का प्रावधान हो ताकि पैदल यात्रियों और कम गति से चलने वाले वाहनों के अनुकूल हो सके। वहीं यात्रा सुरक्षित हो इसके लिए सड़को के किनारे उचित मानकवाले साइनबोर्ड लगाने एवं सभी मानवरहित रेलवे क्रासि‍ंग की पहचान करने का भी निर्देश दिया गया है।

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