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बिहार में रजिस्‍ट्री के नियमों में हुआ बड़ा बदलाव, रजिस्ट्री से पहले थर्ड पार्टी करेगी स्थल का निरीक्षण

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बिहार सरकार के मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि रजिस्ट्री होने से पहले थर्ड पार्टी जाकर स्थल का निरीक्षण करेगी। पायलट प्राजेक्ट के तहत इसकी शुरुआत अप्रैल सेब होगी। मंत्री विधान परिषद में मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग पर वाद-विवाद होने के बाद सरकार द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाव दे रहे थे।

उन्होंने बताया कि काम को पूरी पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है। निबंधन विभाग के 11 नए कार्यालय खोलने का काम प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि दास्तावेजों का डिजिटाइजेशन कराया जा रहा हैं ताकि लोगों को यह पता चल सके कि पुराने समय में दस्तावेज कैसे हुआ करते थे।

प्रतीकात्मक चित्र

मंत्री ने समाज पर शराबबंदी का पड़े सकारात्मक प्रभावों के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है। संज्ञेय अपराध के मामले में भी बिहार का स्थान देश में 25वा है। पहले लोग होली के त्यौहार और दशहरा पर शराब पीकर हंगामा करते रहते थे। लेकिन आज ऐसी स्थिति नही है अब हालात बदल गयें हैं।

जहरीली शराब से मौत की घटना का सरोकार शराबबंदी से नहीं है। पहले भी ऐसी घटनाएं घटती रही हैं। हालांकि दूसरे राज्यों में भी जहां शराब पर कोई प्रतिबंध नहीं है वहां भी जहरीली शराब के कारण से मौत जैसी घटनाएं होती हैं। फिर भी हम अपने दायित्व से पीछे नहीं हट रहे है। कार्रवाई की जा रही है। वाद-विवाद में कांग्रेस के समीर कुमार सिंह, जदयू के नीरज कुमार, भाजपा के प्रो. राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता भी शामिल थे। 

गुरुवार को विधानसभा में आए एक सवाल के जबाव में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि केंद्र द्वारा कृषि यांत्रिकीकरण के लिए राशि मार्च में मिलने के कारण केंद्र के पास उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं भेजा जा सका। जो राशि मिली थी वह खत्म नहीं हुई, बल्कि उसे रिवैलिडेट किया गया। इससे आने वाले वर्ष में राशि मिलने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान ललित यादव ने इस मसले को उठाया था। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने कृषि यांत्रिकीकरण उप मिशन 2021-22 के लिए केंद्र को 394.48 करोड़ की वार्षिक राशि निर्गत किए जाने का प्रस्ताव भेजा था, किन्तु राज्य सरकार ने वर्ष 2020-21 में जारी हुई धनराशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं भेजा। इस कारणवश 2021-22 के लिए राशि निर्गत करने से इनकार कर दिया है। कृषि मंत्री ने कहा कि राशि आने में विलंब हुई इसमें किसी की गलती नहीं है। जिस वक्त राशि आई, उस वक्त इसे खर्च करने का समय ही नहीं था।

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