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लाखों की नौकरी छोड़ की UPSC की तैयारी, दो असफलता के बाद भी नही मानी हार, तीसरे प्रयास में बनी IAS

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संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस एग्जाम को देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है कुछ अभ्यर्थी असफलताओं के बाद तैयारी छोड़ देते हैं, जबकि कुछ छात्र कई बार फेल होने के बाद भी एग्जाम देते रहते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी उत्तर प्रदेश की गुंजन सिंह की है। गुंजन सिंह उत्तर प्रदेश के कानपुर की रहने वाली हैं। वह अपनी प्रारम्भिक पढ़ाई भी यहीं से पूरी की है।

हालांकि शुरू से ही गुंजन का सपना था इंजीनियर बनने का। और 12वीं के बाद वह जेईई परीक्षा पास की और आईआईटी रुड़की में एडमिशन लिया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही गुंजन जब इंटर्नशिप कर रही थीं, तब वह आस-पास के गांवों में गरीब बच्चों को पढ़ाने जाती थीं। वहाँ उन बच्चों की स्थिति खराब देखकर उन्होंने कुछ ऐसा करने का मन बनाया, ताकि उनकी मदद कर सकें। फिर उन्होंने सिविल सर्विस में जाने का फैसला किया।

Pic- IAS Gunjan Singh

हालांकि गुंजन बीटेक करने के बाद ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करना शुरू कर दिया, लेकिन उनका मकसद था गाँव वालों के लिए कुछ करणार इसलिए उन्होंने लाखों के पैकेज वाली अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ कर UPSC एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी। हालांकि गुंजन के लिए नौकरी छोड़कर IAS अफसर बनने तक का सफर इतना आसान नहीं था, क्योंकि शुरुआती 2 प्रयासों में उन्हें असफलता हाथ लगी। पहले प्रयास में तो प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाईं। एवं दूसरे प्रयास में वह इंटरव्यू में पास नहीं हो पाई।

हालांकि लगातार 2 असफलता मिलने के बाद गुंजन थोड़ी निराश हो गई थी। लेकिन उनके परिवार वालों ने उनका हौसला बढ़ाया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद गुंजन ने फिर से जीतोड़ मेहनत की और आखिरकार तीसरी बार में उन्होंने ऑल इंडिया में 16वीं रैंक हासिल कर IAS अफसर बनने का सपना साकार किया। गुंजन सिंह कहती है कि UPSC एग्जाम की तैयारी के लिए वीकली प्लान बनना चाहिए और हर सप्ताह अपनी तैयारी का टेस्ट भी लेना चाहिए। इससे अपने कमजोरियों के बारे में पता चलता है। UPSC एस्पिरेंट को गुंजन की सलाह है कि अगर कोई बिना प्लानिंग के तैयारी करता है तो सही रास्ते से भटक जाएगा।और सिलेबस कंप्लीट नहीं हो पायेगा।

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