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यूपीएससी के तैयारी के दैरान दो साल तक मोबाइल प्रयोग से बचे और पहले प्रयास में 51वीं रैंक ला बने IAS
यूपीएससी वो एग्जाम जिसको क्रेक कर आईएएस बनने का सपना लाखों अभ्यर्थी देखते हैं। इसके तैयारी में अभ्यर्थी अपने जीवन के कई साल गुजार देते हैं। कई ऐसे अभ्यर्थी हैं, जो अलग रणनीति के तहत तैयारी करते हैं और सफलता को अपने मुट्ठी में कैद कर लेते हैं। एक ऐसे ही कहानी विक्रम ग्रेवाल की है, जिन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए दो साल तक मोबाइल और सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी। और पहले ही प्रयास में 51वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बन गए।
विक्रम ग्रेवाल बचपन से पढ़ाई में अव्वल रहे हैं। पिता भारतीय सेना में आर्मी हैं। ऐसे में हर दो साल पर उनका ट्रांसफर हो जाता था लिहाजा विक्रम की पढ़ाई भी विभिन्न स्कूलों में हुई स्कूलों में हुई। दसवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद विक्रम ने साइंस संकाय 97 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं की पढ़ाई पूरी की। इस दौरान ही उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिए मन बना लिया था। विक्रम ने इतिहास विषय में दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की।
विक्रम यूपीएससी की तैयारी के लिए 11वीं कक्षा से ही एनसीईआरटी की किताबें जमा करनी शुरू कर दी थी। ग्रेजुएशन के दौरान उन्होंने सिर्फ अपने पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया। ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी होते ही अपने घर जाकर सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। एनसीईआरटी किताब से अपने वैकल्पिक विषय इतिहास पर ज्यादा फोकस किया। कोचिंग से नोट्स लेकर रिवीजन करते रहें। रोजाना सामाचार पत्र भी पढ़ते रहें। सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए सोशल मीडिया और मोबाइल से भी दूरी बना ली। एक निर्धारित समय के साथ तैयारी करते रहें। दो साल जमकर मेहनत की।यूपीएससी की परीक्षा दी अब इंतजार रिजल्ट का था। साल 2018 के घोषित नतीजे में 51वीं रैंक हासिल हुई। इस तरह पहले ही प्रयास में विक्रम आईएएस अधिकारी बन गए।
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