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यूक्रेन से 800 जिंदगी बचाने वाली 24 साल की महाश्वेता की कहानी, महिलाओं के लिए है प्रेरणा।

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पश्चिम बंगाल के न्यू टाउन की रहने वाली 24 वर्षीय पायलट महाश्वेता चक्रवर्ती ने 800 से ज्यादा छात्र-छात्राओं को निकालने में अहम योगदान दिया है। युद्ध की मार झेल रहे यूक्रेन में पढ़ने वाले ये सभी छात्र पोलैंड और हंगरी की सीमा पर फंसे हुए थे। महाश्वेता चक्रवर्ती ने ऑपरेशन गंगा के तहत 4 उड़ानों से पोलैंड से छात्रों को भारत लाने में अहम भूमिका निभाई है।

हंगरी के लिए भरी गई दो उड़ानों की भी महाश्वेता चक्रवर्ती पायलट रही हैं। 27 फरवरी और 7 मार्च के बीच इन्होंने कई जिंदगियों को बचाने का शानदार काम किया। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए महाश्वेता ने कहा कि मुझे मेरी विमानन कंपनी की ओर से यह सूचना मिली कि आपको रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए चुना गया है। इसके बाद मैं तैयार होकर तुरंत 2 घंटे के भीतर इस्तांबुल के लिए उड़ान भरी।

भारत सरकार ने भारतीयों को युद्ध क्षेत्र से बाहर निकालने के लिए 70 उड़ानों के माध्यम से ऑपरेशन गंगा को अंजाम दिया। इंडियन आर्मी के साथ मिलकर एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइस जेट समेत कई निजी विमानन कंपनियों ने उड़ान भरी। महाश्वेता ही नहीं ऐसी कई महिला पायलट हैं जिन्होंने पहले भी देश और मुल्क के नागरिकों के लिए इतिहास रचने का काम किया है। पायलट लक्ष्मी जोशी, प्रिया अग्रवाल व ऐसी कई महिलाएं हैं जो निरंतर इस काम को अंजाम दे रही है।

कोविड के दौरान विदेश से भारतीयों को वापस लाने में महिला पायलट लक्ष्मी जोशी ने बेहतरीन काम किया है। उन्हें देश के प्रति सेवा का जज्बा रग-रग में बसा है। भारत सरकार ने कोविड के समय भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए “वंदे भारत मिशन” लांच किया था। लक्ष्मी ने इस मिशन के तहत अपनी पहली उड़ान चीन के शंघाई से भरी थी।

जब लक्ष्मी जोशी की उम्र 8 साल की थी तब वह हवाई जहाज में बैठी थी। तभी से ही उन्होंने यह ठान लिया था कि वह बड़ी होकर खुद हवाई जहाज को उड़ाएगी। निरंतर मेहनत के साथ उन्होंने अपना सपना साकार किया।

एयर इंडिया की कैप्टन जोया अग्रवाल भी कई मिशनों को अंजाम देकर इतिहास रच चुकी है। जोया ने ने महिला पायलटों की उस टीम का नेतृत्व कर उपलब्धि हासिल की थी जिसमें उन्होंने विश्व के सबसे लंबे एयर रूट पर उड़ान भरी थी। जोया अपने माता-पिता की एकमात्र संतान है। जब उनकी मां को यह पता चला है कि बेटी पायलट बनना चाहती है तो वह डर के मारे वह पड़ी थी।

एविएशन एक्सपर्ट्स के अनुसार नॉर्थ पोल के ऊपर से उड़ान भरना बहुत ही टेक्निकल है। इसमें कौशल व अनुभव की दरकार होती है। एयर इंडिया की सबसे कम उम्र में बोइंग-777 को उड़ाने वाली जोया अग्रवाल महिला पायलट हैं। साल 2013 में उन्होंने यह रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया था। उन्होंने बताया कि मैं दुनिया में बोइंग-777 की सबसे कम उम्र की महिला कमांडर हूं। महिलाओं को अपने आप में यकीन करना चाहिए भले ही उनके ऊपर समाज का किसी भी तरह का प्रेसर हो। उन्हें किसी भी काम को असंभव नहीं समझना चाहिए।

एयर इंडिया में उड़ान भरने वाली शिवानी मन्हास ने कहती है कि यह एक रोमांचक से भरा अनुभव था क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। यहां तक पहुंचने में तकरीबन 17 घंटे का वक्त लगा।

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