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मुजफ्फरपुर से हवाई सेवा शुरू होने की जगी उम्मीद, 475 एकड़ जमीन की है जरूरत
मुजफ्फरपुर से हवाई सेवा के लिए समय- समय पर इसको लेकर वादे किए जाते रहे हैं, लेकिन अभी तक सच नहीं हुआ। हालांकि मुजफ्फरपुर जिले से हवाई सेवा शुरू होना यहाँ के लोगों के लिए सपने जैसा है। भूमि अधिग्रहण या रनवे छोटा होने का, कुछ न कुछ दिक्कतें आ जाती है, लेकिन एक बार पुनः मुजफ्फरपुर से हवाई सेवा शुरू होने की उम्मीद जगी है।तमाम नारे और घोषणाएं होने के बाद भी मुजफ्फरपुर के पताही हवाई अड्डे से हवाई सेवा शुरू नहीं हो सका। लेकिन अब पटना हाईकोर्ट के आदेश मिलने के बाद से उड़ान की संभावनाए दिख रही है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद अपर समाहर्ता राजेश कुमार ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया की वास्तविक भूमि को चिह्नित करेगी। कमेटी में जिला राजस्व प्रशाखा के SDCए सारंग पाणि पांडेय के अलावा मुशहरी, कुढऩी एवं मड़वन के सीओ को शामिल किया गया है। तथा सहयोग के लिए जिला भू-अर्जन कार्यालय के सहायक उमेश कुमार की प्रतिनियुक्ति की गई है।
दरसल गौरव कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने कहा था कि राज्य में 3 एयरपोर्ट पटना, गया और दरभंगा ही क्रियाशील हैं। वहीं, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, फारबिसगंज (जोगबनी), रक्सौल और मुंगेर की एयरपोर्ट क्रियाशील नहीं है। आखिर इसकी वजह क्या है। हाईकोर्ट ने कहा कि इन कारणों की जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
वहीं विकास आयुक्त को सभी स्टेक होल्डरों के साथ बैठक कर यह तय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है कि एयरपोर्ट को विस्तारित, क्रियाशील या चालू करने की संभावनाएं देखें। विकास आयुक्त को दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है। वर्ष 2017 में पूर्व पताही हवाई अड्डे चालू करने के लिए 475 एकड़ जमीन को लेकर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी से प्राक्कलन तैयार कराया गया था।
सिविल विमानन निदेशालय, हवाई अड्डा के तत्कालीन निदेशक के आग्रह पर यह प्राक्कलन तैयार हुआ था। इसमें रनवे को उत्तर की ओर करने का प्लान था। दो फेज में अतिरिक्त 475 एकड़ जमीन का प्राक्कलन तैयार करने का कार्य प्रारंभ हुआ। उस समय के हिसाब से इसके लिए लगभग 70 अरब रुपये खर्च होने का अनुमान बताया गया था।
जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में नागरिक उड्डयन मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी गई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि वर्तमान में पताही हवाई अड्डे के लिए जो जमीन उपलब्ध है उसमें अधिकतम 1350 मीटर का रनवे ही तैयार हो सकेगा। और इतनी लम्बी रनवे पर बड़े विमान का उड़ान संभव नहीं है। बड़े और व्यावसायिक उड़ान के लिए कम से कम 1829 मीटर लंबा रनवे चाहिए। इसके अनुसार पताही में रनवे की लंबाई 600 मीटर और बढ़ानी होगी। यदि भूमि का अधिग्रहण किया जाए तो 70 अरब रुपये की लागत आएगी।
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