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मुजफ्फरपुर में गोबरसही से मझौलिया तक बनेगा 850 मीटर लंबा फ्लाईओवर, मिलेगी जाम से मुक्ति

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मुजफ्फरपुर में गोबरसही चौक होते हुए मझौलिया चौक तक NH 28 (नया एनएच 122) पर 850 मीटर लंबा फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा। इस पर 95 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एनएचएआई की ओर से तैयार डीपीआर में सुरक्षा मानकों के आंशिक सुधार का सुझाव कंसल्टेंट एजेंसी ने दिया है। इसके बन जाने से इलाके में सड़क दुर्घटना की समस्या से निजात के साथ बेगूसराय जाना काफी आसान हो जाएगा।

मुजफ्फरपुर-बरौनी मार्ग के सुरक्षा विशेषज्ञ प्रशांत कलांथी ने डीपीआर में गोबरसही एवं मझौलिया चौराहों के ठीक नीचे सुरक्षा मानकों को और स्पष्ट व सुनिश्चित करने का सुझाव दिया है। डीपीआर में संशोधन कर टेंडर काम किया जाएगा। यह फ्लाइओवर NH 28 (नया 122) एवं NH 77(नया 22) के दोनों चौराहों के ऊपर से इस फ्लाइओवर के निर्माण होगा जिससे उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों तक आने-जाने वाले वाहनों को जाम से मुक्ति मिलेगी। इसके साथ ही भगवानपुर और चांदनी चौक के बीच बीबीगंज 20 मीटर चौड़ा अंडरपास वाला फ्लाइओवर बनेगा। इससे फ्लाइओवर के नीचे भी वाहनों का परिचालन सुगमता से हो सकेगा। भगवानपुर चौक से दक्षिण प्रभात नगर कॉलोनी के मुहाने से प्रस्तावित फ्लाइओवर आरंभ होगा और गोबरसही चौक के ऊपर से गुजरते हुए मझौलिया चौक से आगे दिनकर नगर व भेल कॉलोनी के बीच में नीचे उतरेगा।

भगवानपुर गोलंबर से सदर थाना होते हुए गोबरसही चौक तक सर्विस लेन को पूर्णत: खाली कराया जाएगा। भगवानपुर चौक को जाम से मुक्त कराने के लिए तैयार डीपीआर में फुट ओवरब्रिज बनाने, ऑटो स्टैंड को चौराहे से हटाकर आईजी कॉलोनी की ओर मौजूदा फ्लाइओवर के नीचे ले जाने का प्रावधान रखा है। NHAI के पीडी विभूति भूषण ने बताया कि भगवानपुर चौक को जाम से मुक्त करने और मुजफ्फरपुर-छपरा एनएच 102 (नया एनएच 722) का मुहाना चौड़ा करने के लिए जिला प्रशासन से प्रस्ताव मिलने पर NHAI आगे की कार्रवाई करेगी।

कंसल्टेंट एजेंसी ने गत 15 नवंबर को जारी पत्र में डीपीआर में चार बिन्दुओं पर सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने का सुझाव देते हुए संशोधित फाइल मांगी है। एजेंसी ने फ्लाइओवर का होरिजेंटल और वर्टिकल डिजाइन स्पष्ट करने का सुझाव दिया है, ताकि नीचे से गुजरने वाले वाहन चारों दिशाओं में सुरक्षित व सुगमता से निकल सकें। गोबरसही चौराहे से डुमरी रोड होते हुए सकरी सरैया तक पटना रोड में जुड़ने की वैकल्पिक सड़क गुजरती है। इस सड़क से पटना आने-जाने वाले वाहनों का परिचालन होता है। इसे ध्यान में रखते हुए एजेंसी ने डिजाइन को फिर से चेक करने का सुझाव दिया है।

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