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BIHAR

मुजफ्फरपुर और वाल्मीकिनगर के बीच रेल दोहरीकरण का कार्य तेजी से जारी, कनेक्टिविटी होगी बेहतर

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पूर्व मध्य रेल में नई लाइन, दोहरीकरण सहित कई महत्वपूर्ण निर्माण परियोजनाओं पर तीव्रगति से कार्य किया जा रहा है। ECR के CPRO राजेश कुमार ने जानकारी दी कि इन परियोजनाअें में मुजफ्फरपुर-सगौली एवं सगौली-वाल्मीकिनगर रेलखंड का दोहरीकरण कार्य शामिल है । मुजफ्फरपुर-सगौली दोहरीकरण परियोजना (101 किमी.) पर लगभग 1186 करोड़ रूपए तथा सगौली-वाल्मीकिनगर दोहरीकरण परियोजना (110 किमी.) पर लगभग 1216 करोड़ रूपए खर्च होने का अनुमान है।

पश्चिमी चंपारण जिले में 110 किलोमीटर लंबे सगौली और वाल्मीकिनगर के बीच दोहरीकरण परियोजना को 7 भागों में बांटकर कार्य किया जा रहा है। इसमे 8 किमी लंबे चमुआ और हरिनगर के बीच 11 किमी लंबा साठी- नरकटियागंज तथा 12 किलोमीटर लंबा सगौली-मझौलिया रेलखंड का दोहरीकरण इस वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है। जबकि शेष 4 खंडों का कार्य भी निर्धारित समय-सीमा के अंतर्गत पूरा होने की संभावना है।

प्रतीकात्मक चित्र

अक्टूबर तक चमुआ से हरिनगर के बीच 5 छोटे पुलों का निर्माण पूरा कर लिया गया है तथा वृहद् पुल संख्या 317 पर कार्य युद्धस्तर पर जारी है। 8 किमी लंबे इस रेलखंड में लगभग 6 किलोमीटर ट्रैक लिंकिंग का कार्य तथा स्टेशन बिल्डिंग का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है । इसी प्रकार नरकटियागंज से साठी (11 किमी) के बीच 8 पुल-पुलिया का निर्माण और ट्रैक लिंकिंग कार्य जारी है । वहीं मझौलिया-सगौली (12 किमी) के बीच 20 रेल पुलों का निर्माण पूरा हो चुका है ।

इसी तरह मुजफ्फरपुर-सगौली दोहरीकरण परियोजना (101 किमी.) को 6 छोटे-छोटे भागों में बांटकर कार्य किया जा रहा है । इसमें से 16 किमी लंबे महवल से चकिया तक का कार्य वित्त वर्ष के अंत तक पूर्ण कर लिया जाएगा। मेहसी और पीपरा के बीच 11 , पीपरा और जीवधारा के बीच 10, जीवधारा और सगौली के बीच 7 छोटे पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है जबकि शेष 3 खंडों पर दोहरीकरण कार्य प्रगति पर है।

मुजफ्फरपुर-सगौली एवं सगौली-वाल्मीकिनगर रेलमार्ग पर सेवित होने वाले क्षेत्र उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण हैं । इस परियोजना के पूरा होने से मुजफ्फरपुर से वाल्मीकिनगर तक दोहरीकरण से परिचालन क्षमता और कनेक्टिविटी में सुधार होगा जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र के लोगों के लिए समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा। साथ ही नेपाल सीमा से नजदीक होने के कारण सामरिक दृष्टिकोण से भी यह परियोजना काफी महत्वपूर्ण है ।

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