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भारत मे बन रहा एशिया का सबसे बड़ा फॉसिल्स पार्क, संरक्षित किए जाएंगे करोड़ साल पुराने जीवाश्म

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कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ शहर में सबसे बड़ा समुद्री फॉसिल्स पार्क बनया जाएगा। दरसल यह छत्तीसगढ़ का पहला और एशिया का सबसे बड़ा समुद्री फॉसिल्स पार्क होगा। इस पार्क में 25 करोड़ साल पुराने समुद्री फॉसिल्स के समृद्ध संग्रह की खोज को संरक्षित किया जाएगा। इस पार्क को हसदेव नदी के आमाखेरवा में बनाया जा रहा है। 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस के शुभ अवसर पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल इसकी आधारशिला रखेंगे। हालांकि छत्तीसगढ़ के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। 

आपको बता दें कि वर्ष 2012 में ही आमाखेरवा में समुद्री फॉसिल्स है इसकी जानकारी मिली थी। वहीं वर्ष 2015 में बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट आफ पैलियोबाटनी एवं लखनऊ के विशेषज्ञों ने यहां 25 करोड़ साल पुराने समुद्री फॉसिल्स होने की पुष्टि की थी। और 2015 में ही वन विभाग द्वारा फॉसिल्स वाले हिस्सों की घेराबंदी कर हेरिटेज के रूप में विकसित कर दिया गया था।

प्रतीकात्मक चित्र

आमाखेरवा क्षेत्र में हसदेव नदी के बीच लगभग एक किलोमीटर के क्षेत्र में बड़ी मात्रा में समुद्री जीवों एवं वनस्पतियों के जीवाश्म से भरा है। यहां बाइवाल्व मोलस्का, यूरीडेस्मा और एवीक्यूलोपेक्टेन आदि समुद्री जीवों के जीवाश्म मौजूद हैं। इनके अलावा पेलेसिपोड्स, गैस्ट्रोपोड्स, ब्रेकियोपोड्स, ब्रायोजोअन्स और क्रिएनड्स प्रजाति के जीव भी मौजूद हैं। 

फॉसिल्स से तात्पर्य वैसे समुद्री जीव-जंतुओं से है जो करोड़ों वर्ष पहले समुद्र में रहते थे। जो प्राकृतिक परिवर्तन एवं पृथ्वी के पुनर्निर्माण में समुद्र में रहने वाले इन जीवों के अंश पत्थरों में दब के रह गए। यह फॉसिल्स पृथ्वी के परिवर्तन के वैज्ञानिक साक्ष्य के रूप में हैं।

वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जैसा फॉसिल्स मनेंद्रगढ़ में है। ठीक उसी तरह का फॉसिल्स भारत में सुबांसरी (अरुणाचल प्रदेश), राजहरा (झारखंड), दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल) और खेमगांव (सिक्किम) में पाया जाता है। अफसरों का कहना है कि विश्व वानिकी दिवस के मौके पर 21 मार्च को छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल पार्क का शिलान्यास करेंगे। पार्क के निर्माण में विशेषज्ञों की सहायता ली जाएगी।

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