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भारत की बेटी सिरीशा बांदला बनी कल्पना चावला के बाद अंतरिक्ष में जाने वाली दूसरी महिला
जैसा कि आज तक लोगो की सोच यही रही कि भारत पुरुष प्रधान देश है, जब्कि अब महिलाएँ इस विडंबना को तोड़ कर यह साबित कर रही है कि महिलाएँ किसी भी क्षेत्र में पुरुषों को टक्कर दे सकती है आज की महिलाएँ कही भी और किसी भी मामले में पुरुषों से कम नही है बल्कि वो दो कदम आगे ही है।
आज हम बात करेंगे भारतीय मूल की बेटी जिसने इतिहास लिखने के लिए भारत से अंतरिक्ष में उड़ान भरी है। जी हाँ सिरीशा बांदला ने यह कर दिखाया है जो कि कल्पना चावला के बाद दूसरी ऐसी भारत की बेटी है जिन्होंने अंतरिक्ष में यात्रा किया है। इससे पूर्व में कल्पना चावला के नाम यह रिकॉर्ड दर्ज था। बांदला VSS यूनिटी के 6 अंतरिक्ष यात्रियों में से एक है। 11 जुलाई 2021 को भारतीय मूल की सिरीशा बांदला अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी और पूरे भारत देश में एक अलग पहचान बनाया।
सिरीशा बांदला ने जेफ़ बेज़ोस से पहले ही पहुचेंगी स्पेस
आपको पता हो कि इस दुनिया के सबसे धनवान व्यक्ति और Amazon के CEO जेफ़ बेज़ोस के स्पेस जाने से 9 दिनो पूर्व अंतरिक्ष यात्रियो का यह ग्रुप स्पेस के लिए निकल गया। इस बात की जानकारी सिरीशा ने अपने ट्विटर पर दी थी। इसके बाद लोगों का बधाइयों का भरमार लग गया। ब्रैन्सनस कंपनी ने जेफ़ बेज़ोस को पछाड़ने के लिए पहले इस मिशन की सूचना लोगों के बीच जारी किया। साथ ही आपको बता दें कि इस मिशन में ब्रैन्सनस कंपनी के फाउंडर रिचर्ड ब्रैन्सन ने भी हिस्सा लिया था।
सिरिशा आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं।
आपको बता दें सिरिशा बांदला का जन्म आंध्र प्रदेश के गुंटूंर जिले में हुआ था। ये भारत के सिरसा हॉस्टन टेक्सास में पली बढ़ी है। उन्होंने Purude University से Aeronautical Engineering में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। इसके बाद उन्होंने George Washington University से MBA भी पूरा किया।
घरवालों एवं पूरे देश को सिरीशा पर गर्व
इधर 5 साल की आयु में सिरसा बांदला अपने घरवालों के साथ अमेरिका चली गई थी। सिरीशा के पिता डॉ बांदला मुरलीधर भी एक अच्छे वैज्ञानिक हैं। साथ ही उनके दादा Bandla Ragaiah एक कृषि वैज्ञानिक थे। मीडिया कम्पनी द इंडियन एक्सप्रेस से वार्तालाप के दौरान सिरसा बांदला के दादा ने बताया कि सिरीशा को बचपन से ही कुछ अलग करने की चाह थी। कड़ी मेहनत के बाद सिरसा बांदला का यह सपना पूरा हुआ, पोती के इस जीत पर दादा काफी गर्व की अनुभूति कर रहे हैं।
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