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BIHAR

बिहार सरकार का बड़ा फैसला, दाखिल-खारिज के मामले से बेदखल हुए सीओ

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दाखिल-खारिज के मामलों को लेकर सरकार द्वारा एक बड़ा निर्णय लिया गया है। अंचलाधिकारी को अब इससे अलग कर दिया है। एक अप्रैल से अंचलों में तैनात राजस्व अधिकारी इस विषय को देखेंगे। इस बात की जानकारी गुरुवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा जारी आदेश में दी गई है। हाल ही में सरकार ने सभी 534 अंचलों में राजस्व अधिकारियों को तैनात किया है। साथ ही इनके द्वारा कई तरह के प्रमाण-पत्र भी जारी किया जाएगा।

आपको बता दूं कि दाखिल-खारिज के मामले को लेकर सरकार के पास कई शिकायतें आ रही थीं। कभी इसमें देरी होने की तो कभी गड़बड़ी की शिकायतें आ रही थी। इन शिकायतों को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। इसी के तहत सीओ को इस जिम्‍मेदारी से आजाद कर दिया गया है। 

दरसल बिहार राज्य में भूमि विवाद के हमेशा नए मामले सामने आने के बाद भूमि सुधार को लेकर सरकार ने कई उपाय किए हैं। किन्तु फिर भी दाखिल-खारिज समेत कई तरह के मामले में समस्‍याएं बनी हुई हैं। खासकर म्‍यूटेशन के मामले में विलंब की खबरें मिल रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए अहम फैसला लिया गया है। इससे दाखिल-खारिज के मामले में तेजी आएगी साथ ही सरकार के राजस्‍व में भी वृद्धि होगी। बिहार राज्य में 16 वर्षों के पीक आवर में बिजली की खपत में 800 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

2005 में अधिकतम 700 मेगावाट की खपत थी जो 2021 में बढ़कर 6600 मेगावाट हो गई। यह जानकारी बिहार दिवस के मौके पर गांधी मैदान में बिजली कंपनी के स्टाल निरीक्षण के दौरान ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव सह बिहार स्टेट पावर होङ्क्षल्डग कंपनी लिमिटेड के सीएमडी संजीव हंस ने दी। उन्होंने बताया कि राज्य के शहरी क्षेत्र में अभी तक लगभग 6 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं।

स्मार्ट मीटर के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए दो मैस्काट ‘बिजली दीदी’ एवं ‘वोल्टेज भैया’ भी बनाए गए हैं, जिसकी काफी सराहना की जा रही है। स्टाल निरीक्षण के दौरान नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक मुकुल कुमार गुप्ता और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक संजीवन सिन्हा भी मौजूद थे।

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