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बिहार में मिथिला की रोहू मछली को मिलेगा विशेष पहचान, GI टैग के लिए बिहार सरकार केंद्र से करेगी संपर्क

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मछली उत्पादन में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है।दरसल मशहूर रोहू मछली को GI टैग दिलाने के सम्बंध में बिहार केंद्र से संपर्क करने का निर्णय लिया है। मत्स्य विभाग के निदेशक निशात अहमद ने बताया कि मिथिला क्षेत्र की रोहू मछली के अध्ययन और रिपोर्ट तैयार करने के लिए राज्य सरकार दो विशेषज्ञों को नियुक्त किया है। उन्होंने कहा, कार्प की सबसे विशिष्ट प्रजातियों में से एक रोहू मछली मिथिला क्षेत्र की विशेष रूप से दरभंगा व मधुबनी में अपने स्वाद के लिए विख्यात है। हालांकि हमलोग मछली पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने और उस पर अध्ययन करने के लिए दो विशेषज्ञों को लगाया है। उन्होंने कहा की, विस्तृत रिपोर्ट तैयार हो जाने के बाद हम केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय से संपर्क करेंगे की मिथिला की रोहू मछली के लिए GI टैग प्रदान किया जाए।

मुख्य रूप से किसी उत्पाद को उसके मूल क्षेत्र से जोड़ने के लिए दिया जाता है। जिस वस्तु को यह टैग मिलता है वह उसकी विशेषता बताता है। मिथिला क्षेत्र में बिहार, झारखंड और नेपाल के पूर्वी तराई के जिलों के कुछ भाग शामिल हैं। अहमद ने कहा, हमें उम्मीद है कि इस क्षेत्र की रोहू मछली को GI टैग मिलेगा। इससे इस क्षेत्र में रोहू उत्पादन कर रहे लोगों को काफी लाभ होगा क्योंकि उन्हें एक वैश्विक बाजार व एक नई पहचान मिलेगी। मछली की कीमत में वृद्धि हो जाएगी जिससे इसका सीधा असर उनकी आय पर पड़ेगा।

इसी प्रकार राय देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और दरभंगा के विधायक संजय सरावगी ने कहा, ‘मिथिला क्षेत्र अपने ‘माछ, पान और मखाना’ के लिए जाना जाता है। विशेष रूप से रोहू मछली अपने स्वाद के कारण बिहार, झारखंड व अन्य राज्यों में काफी लोकप्रिय है। यहां की रोहू मछली का स्वाद अन्य राज्यों में पाई जाने वाली रोहू मछलियों से अलग है।

उन्होंने कहा मुझे विश्वास है कि मिथिला की रोहू मछली को GI टैग मिलेगा। यह पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा एक अच्छी पहल है। राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिवेंद्र कुमार ने कहा, यह अच्छी बात है कि राज्य के मत्स्य पालन विभाग ने यह पहल की है और इसके लिए विशेषज्ञों को लगाया है। हालांकि इसके लिए गहन शोध कार्य की जरूरत है और हमें निष्कर्षों की प्रतीक्षा करनी चाहिए।

यदि मिथिला (दरभंगा और मधुबन) की रोहू मछली GI टैग प्राप्त हो जाता है तो इस क्षेत्र में इसके उत्पादन में लगे लोगों के लिए काफी अच्छा साबित होगा। आपको बता दूं कि हाल ही में GI टैग रजिस्ट्री ने ‘बिहार मखाना’ का नाम बदलकर ‘मिथिला मखाना’ करने की याचिका को स्वीकार किया है। इसके अलावा बिहार के कतरनी चावल, जरदालु आम, शाही लीची और मगही पान को पहले से ही GI टैग प्राप्त है

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