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बिहार में जल्द ही शिक्षक, प्रधान शिक्षक और हेडमास्टर के हजारों पदों पर होगी भर्ती, आगे भी शिक्षको की नियुक्ति रहेगी जारी

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बिहार में सरकारी नौकरी की मंशा रखने वालों के लिए बड़ी खबर है। बिहार राज्य में अब जल्द ही शिक्षक, हेडमास्टर और प्रधान शिक्षक के हजारों पदों पर बम्पर बहाली होगी। बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि, एक के अंदर में राज्य में 41 हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। निकट भविष्य में 50 हजार और शिक्षकों की बहाली की जाएगी।

इसके अलावा प्राथमिक स्कूलों के लिए 40 हजार से अधिक प्रधान शिक्षक और हाईस्कूल के लिए 6412 हेडमास्टर की बहाली होगी। साथ ही, 3500 पदों पर शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशकों की नियुक्ति की जाएगी। मंत्री ने कहा, शिक्षकों की यह अंतिम नियुक्ति नहीं है। राज्य में अभी शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है और आगे भी जारी रहेगी।शिक्षा विभाग का बजट पेश में मंत्री ने कहा, टीईटी और एसटीईटी एक पात्रता परीक्षा है। इस परीक्षा के पास करने का यह अर्थ यह नहीं है कि सभी को नौकरी मिल जाएगी।

संकेतिक चित्र

विपक्ष इस मसले पर अभ्यर्थियों को गुमराह कर रहा है। जब भी रिक्तियां निकलेंगी, टीईटी और एसटीईटी पास अभ्यर्थी आवेदन करेंगे और मेरिट लिस्ट के आधार पर उनकी नियुक्ति होगी। शैक्षिक सत्र 2022-23 की भावी कार्ययोजना पर मंत्री ने कहा, सभी प्राथमिक, मध्य व उच्च विद्यालयों में पूर्णकालिक प्रधानाध्यापक और प्राचार्य की नियुक्ति BPSC से कर ली जाएगी।

शिक्षा मंत्री ने कहा, सभी कस्तूरबा गांधी विद्यालय को ग्रेड-12 तक विस्तारित किया जाएगा और स्मार्ट क्लास रूम और व्यवसायिक शिक्षा की पढ़ाई होगी। सभी विद्यालयों में उपलब्ध आधारभूत सुविधाओं एवं आगामी आवश्यकताओं का विश्लेषण कर प्राथमिकता निर्धारित करते हुए आधारभूत संरचना अगले 4 वर्षों में उपलब्ध कराने की योजना है।

अगले 4 वर्षों में सभी उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों को स्मार्ट क्लास रूम की व्यवस्था किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा, सात निश्चय-2 के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 से मुख्यमंत्री बालिका इंटरमीडिएट प्रोत्साहन योजना के तहत इंटर पास सभी कोटि की अविवाहित छात्राओं को प्रति छात्रा 25 हजार रुपए डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खाते में दिया जाएगा। जिन अनुमंडलों में अंगीभूत महाविद्यालय नहीं हैं, वैसे 12 अनुमंडलों में डिग्री कॉलेज की स्थापना की जाएगी। उच्च शिक्षा प्रणालियों का डिजिटलीकरण होगा। सकल नामांकन अनुपात से संबंधित कार्यों के लिए नालंदा मुक्त विवि का आधुनिकीकरण होगा।

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