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बिहार में जमीन खरीद-बिक्री के नियमों में सरकार ला रही है नई विधेयक, होंगे ये महत्वपूर्ण बदलाव

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बिहार सरकार जमीन खरीद-बिक्री के नियमों में बड़ी बदलाव ला रही है, जिसकी कवायद अभी से ही शुरू हो चुकी है। अब दाखिल खारिज के समय ही दस्तावेज के साथ जमीन के उस हिस्से का नक्शा भी जोड़ दिया जाएगा, जिसकी खरीद-बिक्री हुई है। जमीन के बदले स्वरूप की चौहद्दी भी दर्ज होगी। कानूनी रूप देने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग विधानसभा के शीतकालीन सत्र में ही विधेयक लाने जा रही है। भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के मंत्री रामसूरत राय विधेयक को पेश करेंगे इसका नाम “बिहार भूमि दाखिल खारिज” (संशोधन) विधेयक 2021 है।

राजस्व मंत्री रामसूरत राय के मुताबिक इस कार्य योजना के तहत सभी अंचल कार्यालय में सर्वे राजस्व नक्शा को सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल फार्म में तैयार किया जाएगा। जमीन के हिस्से के नक्शे को दाखिल खारिज की याचिका के साथ शामिल किया जाएगा। अंचल कार्यालय में दाखिल खारिज के दौरान डीड के साथ भूखंड का नक्शा भी जमा करने होंगे। मंत्री ने कहा कि इस नियम से जमीन के रजिस्ट्री के दौरान यह साफ तौर पर मालूम हो जाएगा कि जमीन किस हिस्से की बिक्री हुई है।

विधेयक के उद्देश्य में इस बात का जिक्र किया गया है कि दाखिल खारिज के मौजूदा नियम में जमीन की सही स्थिति के बारे में जानकारी नहीं मिलती है, जिसके कारण भूमि विवाद की समस्या रहती है। विधेयक के पारित होते ही बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं अधिनियम 2011 एवं नियमावली 2012 में संशोधन किया जाएगा। भूखंड का नक्शा बनाने के लिए राजस्व विभाग जिला स्तर पर सिविल इंजीनियरों का पैनल बनाएगा। इंजीनियरों की संख्या सरकार समय-समय पर निर्धारित करती रहेगी। इंजीनियर के सेवा शुल्क का निर्धारण सरकार ही करेगी।

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