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बिहार: मिथिला मखाना को मिलेगा जीआई टैग, बिहार कृषि विवि ने पत्र भेजकर किया था आग्रह

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बिहार मखाना नहीं, अब मिथिला मखाना के नाम से यहां के मखाना को जीआई टैग मिलेगा। बिहार मखाना के नाम से जीआई टैग मिलने पर मिथिला वासियों ने कड़ा एतराज जताया था। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के डीन एग्रीकल्चर आरआर सिंह ने बिहार मखाना का नाम मिथिला मखाना करने के लिए रजिस्टार को पत्र भेजा था इसमें नाम बदलने का आग्रह किया गया था। जिसके बाद जीआई टैग के लिए मिथिला मखाना के नाम से आगे की प्रक्रिया पूरी हो रही है। बता दें कि बीते 8 नंबर को ही दिल्ली से आई अधिकारियों की टीम ने पटना में मिथिला मखाना के उत्पादकों से विचार-विमर्श किया था। साल 2022 के अंत तक मखाना को जीआई मिल जाने की पूरी संभावना है।

बिहार सरकार में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि मखाना बिहार का विशिष्ट उत्पाद है। मखाना को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार जीआई टैग दिलाने की पूरी कोशिश कर रही है। जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा है कि जीआई टैग मिलने से मिथिला की पहचान और समृद्ध होगी और पूरे दुनिया के लोग इसे उपयोग में लाएंगे।

अगर मिथिला के मखाना को जीआई टैग मिलता है तो यह बिहार का पांचवा उत्पाद होगा। बिहार के मखाना को जीआई टैग मिलने से वैश्विक स्तर पर इसकी मार्केटिंग होगी वहीं इस उत्पाद पर दूसरे राज्य दावा नहीं कर सकती है। बता दें कि हर साल 6000 टन मखाना का उत्पादन बिहार में होता है। विश्व में होने वाले मखाना उत्पादन का 80 फीसद मखाना उत्पादन अकेले मिथिला करती है।

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