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BIHAR

बिहार बना देश का तीसरा सबसे ज्यादा मशरूम उत्पादन करने वाला राज्य, 2 हजार टन से सीधे 22 हजार टन हुआ उत्पादन

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भारत के बिहार राज्य के किसानों के द्वारा मशरूम उत्पादन मे एक शानदार उपलब्धि प्राप्त की गई है, मुख्य रूप से उत्तर बिहार ने इस क्षेत्र मे अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। कभी बिहार राज्य मे मशरूम उत्पादन का डाटा महज दो हजार टन था, जो अभी बढ़कर 22 हजार टन हो चुका है। साथ ही आपको बता दे कि यह कारनामा महज 5 सालों के अंदर हुआ है। मशरूम पौष्टिकता के साथ ही औषधीय गुणों से भरपुर खाद्य पदार्थ है, इसके विभिन्न किस्मो के उत्पादन को एक अलग ऊँचाई देने के लिए राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय, पूसा लगातार प्रयासरत रहा है।

इधर विश्वविद्यालय के एडवांस सेंटर ऑफ मशरूम रिसर्च के प्रोजेक्ट डाइरेक्टर डॉ दयाराम ने जानकारी दी कि अभी पूरे बिहार राज्य में रिसर्च सेंटर की देखरेख में 57 प्लांट लगे हैं, जिनमें से कुल 40 प्लांट बहुत ही अच्छी तरह कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि औषधीय मशरूम के उत्पादन के लिए निरंतर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। गौरतलब है कि अब बिहार राज्य मशरूम उत्पादन में तृतीय स्थान पर अपनी जगह बना चुका है, जबकि पहले स्थान पर उड़ीसा और दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र है।

मशरूम पौष्टिक तत्वों से होता है भरपूर

आपको पता हो कि मशरूम की खेती मौसम के परे की जाती है। मशरूम की खेती पर मौसम के परिवर्तन का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इसके उत्पादन के लिए कम से कम 15 व अधिकतम 38℃ तापमान की आवश्यकता होती है। साथ ही मैदानी क्षेत्र में 10 से 40℃ तापमान पर मशरूम का उत्पादन होता है। मशरूम पौष्टिक तत्वों के साथ ही औषधीय गुण के भी प्रचुरता से भरपूर होता हैं। अभी पिछले दिनों देश मे आए म हामारी के दौरान इसके उत्पादन और माँग दोनों में बखूबी वृद्धि हुई है।

डॉ दयाराम के अनुसार औषधीय मशरूम न्यूट्रासिटिकल (औषधीय व पाक कला) होता है, जबकि कुछ मशरूम में केवल औषधीय गुण ही होते हैं। मशरूम उत्पादन छोटे किसानों, महिलाओ के लिए आमदनी का एक बेहतरीन क्षेत्र है। रिसर्च सेंटर के द्वारा मशरूम उत्पादन के लिए लोगों को मशरूम उत्पादन के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। अभी बिहार राज्य के विभिन्न जिलों में 57 उत्पादन इकाई कार्य भी कर रही है।

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